महिलाओं को किसी भी मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जाना चाहिए : मोरारी बापू
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महिलाओं को किसी भी मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जाना चाहिए : मोरारी बापू

महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक से उपजे विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू महिलाओं के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। प्रख्यात राम कथावाचक ने कहा है कि किसी भी मंदिर में प्रवेश करने और पूजा करने से किसी भी महिला को रोका नहीं जाना चाहिए।  

राम कथावाचक मोरारी बापू

नई दिल्ली : महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक से उपजे विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू महिलाओं के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। प्रख्यात राम कथावाचक ने कहा है कि किसी भी मंदिर में प्रवेश करने और पूजा करने से किसी भी महिला को रोका नहीं जाना चाहिए।  

मोरारी बापू ने सवाल किया, 'जिस घर में लड़की का जन्म होता है उस घर में देवत्व का वास होता है, तो ऐसे में एक महिला को मंदिर में जाने की अनुमति क्यों नहीं होनी चाहिए जहां देवता निवास करते हैं?' यही नहीं, जिस स्थान पर महिलाओं का प्रवेश नहीं होगा वहां पर देवत्व विलुप्त हो जाएगा।

आध्यात्मिक गुरु ने यह बात 'मानस राजघाट' पर लोगों को संबोधित करते हुए कही। राजघाट समिति की ओऱ से 'मानस राजघाट' का आयोजन महात्मा गांधी की समाधि पर किया गया है। गांधी जी की हत्या की याद में समिति 30 जनवरी से एक सप्ताह तक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। मोरारी बापू का यह कायक्रम उसी का एक हिस्सा है।  

देश के कई हिस्सों में महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने की बातें सामने आई हैं। पिछले कुछ सप्ताहों से सबरीमाला, त्रयंबकेश्वर मंदिर और मुंबई के हाजी पीर दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के मुद्दे ने काफी जोर पकड़ा है और मंदिर प्रबंधन अपने रुख में बदलाव करने को तैयार नहीं हुआ है।

बापू ने किया महिलाओं के मुखिया बनने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन  

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मोरारी बापू ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले का भी समर्थन किया है जिसमें हाई कोर्ट ने महिलाओं को परिवार का 'कर्ता' बताया है। हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि हिंदू संयुक्त परिवार में परिवार की सबसे बड़ी बेटी 'कर्ता' (परिवार और पारिवारिक संपत्ति की मुखिया) हो सकती है।

आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि यदि परिवार का सबसे बड़ा सदस्य एक महिला होती है तो उसे परिवार का मुखिया बनने का पूरा हक मिलना चाहिए।

गौरतलब है कि बापू महिला अधिकारों के लिए खुलकर बोलते आए हैं। उन्होंने भारतीय समाज से 21वीं सदी में खुली मानसिकता अपनाने का आग्रह भी किया है।

बापू का कहना है कि यह सही समय है कि भारत, परिवार और समाज दोनों के प्रति महिलाओं के योगदान का संज्ञान ले। बिना महिलाओं के सहयोग एवं समर्थन के अगली पीढ़ी को एक उपयोगी तरीके से आगे बढ़ाना असंभव होगा।  

इसके पहले, आध्यात्मिक गुरु ने एक परिवर्तनकारी बयान दिया था। बापू ने कहा था कि हिंदुओं को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने की अनुमति अपनी बेटियों को देनी चाहिए।

राम चरित मानस का पाठ करते हुए मोरारी बापू ने कई बार कन्या भ्रूणहत्या में संलिप्त लोगों पर निशाना साधा है।

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