छेड़छाड़ की कोशिश से बंद हो जाएगी नई EVM मशीन, खरीदने में कितना आएगा खर्चा
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छेड़छाड़ की कोशिश से बंद हो जाएगी नई EVM मशीन, खरीदने में कितना आएगा खर्चा

 पिछले कुछ महीनों से ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच बड़ी बात सामने आई है. चुनाव आयोग 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 9 लाख से ज्यादा मशीनों को बदल देगा. इन्हें ज्यादा विकसित एम3 मशीनों से बदला जाएगा. 

चुनाव आयोग 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 9 लाख से ज्यादा मशीनों को बदल देगा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  पिछले कुछ महीनों से ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच बड़ी बात सामने आई है. चुनाव आयोग 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 9 लाख से ज्यादा मशीनों को बदल देगा. इन्हें ज्यादा विकसित एम3 मशीनों से बदला जाएगा. 

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सरकार ने संसद में दी जानकारी

सरकार ने यह जानकारी संसद में दी है. ये मशीनें किसी तरह की छेड़छाड़ का प्रयास करने पर निष्क्रिय हो जाएंगी. नए ईवीएम के 2018 के अंत तक लाए जाने की संभावना है. यह कदम फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक नेताओं द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के मद्देनजर उठाया गया है.

नई ईवीएम खरीदेगा चुनाव आयोग

भारतीय निर्वाचन आयोग ऐसी नयी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें यानी ईवीएम खरीदने वाला है जो उनके साथ छेड़छाड़ होते ही काम करना बंद कर देंगी. गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कुछ दलों द्वारा ईवीएम में हेरफेर के आरोप लगाये जाने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है.

1,940 करोड़ रूपए का खर्च आएगा

एम3 श्रेणी की इन नयी मशीनों में मशीनों के सही होने की पहचान करने की क्षमता भी होगी. इन मशीनों में परस्पर सत्यापन प्रणाली भी होगी. यानि यदि पहले से तय किन्हीं दो पक्षों के अलावा अन्य कोई भी उनमें बदलाव का प्रयास करेगा तो वह पकड़ा जाएगा. नयी मशीनों की खरीद में लगभग 1,940 करोड़ रूपए का खर्च आएगा. ये मशीनें संभवत: 2018 से काम करने लगेंगी.

'सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम' से युक्त

'एम3' टाइप की ईवीएम में मशीनों की सच्चाई की प्रूफ के लिए एक 'सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम' लगा है. ये मशीनें एक आपसी प्रमाणन प्रणाली के साथ आएंगी. सिर्फ एक सही EVM ही क्षेत्र की बाकी ईवीएम के साथ संवाद कर सकती है. इसका निर्माण परमाणु ऊर्जा पीएसयू ECIL या रक्षा क्षेत्र की पीएसयू BEL द्वारा हुआ होना चाहिए. किसी भी अन्य कंपनी द्वारा बनाई गई ईवीएम अन्य मशीनों से संवाद नहीं कर पाएगी. इस तरह मशीन में किसी गडबड़ी का पर्दाफाश हो जाएगा.

9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला 

कानून मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग की ओर से संसद को उपलब्ध करवाई जाने वाली जानकारी के हवाले से कहा कि नई मशीनें खरीदने के लिए लगभग 1940 करोड़ रुपये (मालभाड़ा और टैक्स छोड़कर) का खर्च आएगा. ये मशीनें वर्ष 2018 में यानी अगले लोकसभा चुनाव से एक साल पहले आ सकती हैं. आयोग ने वर्ष 2006 से पहले खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला किया है, क्योंकि पुरानी मशीनों का 15 साल का जीवनकाल पूरा हो चुका है.

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