राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा, नहीं देना पड़ेगा अतिरिक्त किराया
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राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा, नहीं देना पड़ेगा अतिरिक्त किराया

अगर आप राजधानी ट्रेनों से यात्रा करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार इन ट्रेनों में यात्रियों को डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर देगी. 

राजधानी एक्सप्रेस भारत की सबसे अच्छी ट्रेन है.

नई दिल्ली: अगर आप राजधानी ट्रेनों से यात्रा करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार इन ट्रेनों में यात्रियों को डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर देगी. यानी यात्री तौलिया और तकिए के कवर को एक बार यूज कर फेंक देंगे. इसे दोबारा धोकर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार ने यह फैसला स्वच्छता को ध्यान में रखकर लिया है. यात्रियों के लिहाज से अच्छी बात यह है कि इस सुविधा को शुरू करने के बदले रेलवे उनसे फिलहाल कोई अतिरिक्त किराया नहीं वसूलेगी. हालांकि डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर को बनाने में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि इसे फेंकने से पर्यावरण को कोई नुकसान न हो, यानी यह इको फ्रेंडली हो.

  1. राजधानी एक्सप्रेस में डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर मिलेगा
  2. स्वच्छता को ध्यान में रखकर रेलवे ने उठाया यह कदम
  3. डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर इको फ्रेंडली भी होगा

साथ ही इस फैसले के पीछे ये भी कहा जा रहा है कि ट्रेनों में बड़े पैमाने पर तौलिए और तकिया के कवर की चोरी होती है, जिससे रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. 

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पश्चिम रेलवे के पीआरओ रविंदर भाकर ने बताया कि मुंबई सेंट्रल जयपुर में पहले से ही डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर दिया जा रहा है. यात्रियों के अच्छे रिस्पांस के चलते इसे देशभर में लागू किया गया है. उन्होंने बताया कि एक साधारण तौलिया बनाने में रेलवे को 6 रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इसे बार-बार धोने में भी खर्च होता है. डिस्पोजेबल तौलिए की लागत 4.75 रुपए होगा.

हर यात्रा के बाद धोए जाते हैं कंबल
पिछले साल मार्च में केंद्र सरकार ने फैसला लिया था कि ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबलों को हर इस्तेमाल के बाद धोया जाएगा. इसके लिए खात तौर से नरम कपड़े से बने नए डिजाइन के हल्के कंबलों का प्रयोग शुरू किया गया है. मालूम हो कि संसद में एक सवाल के जवाब में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया था कि रेलवे में इस्तेमाल होने वाले कंबल दो महीने में एक बार धोए जाते हैं. उन्होंने बताया था कि बार-बार धोने से कंबल खराब हो जाते हैं, इसलिए ऐसा किया जाता है.

पिछले साल से ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल को राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान ने डिजाइन किया है. इसे सूती कपड़ा और ऊन मिलाकर तैयार किया जाता है.

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