निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटी एक नर्स की भी मौत हो गई. लिनी नाम की नर्स के जज्बे और मरीजों के प्रति उनकी निष्ठा की तारीफ करते हुए लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: केरल में निपाह वायरस जानलेवा रूप ले चुका है. इस वायरस से अभी तक करीब एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. सोमवार को पेराम्बरा तालुक अस्पताल में निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटी एक नर्स की भी मौत हो गई. लिनी नाम की नर्स के जज्बे और मरीजों के प्रति उनकी निष्ठा की तारीफ करते हुए लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. इन लोगों में से एक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी हैं. अपनी मौत से पहले ही नर्स लिनी को ये अंदाजा हो गया था कि वो जिंदा नहीं रह पाएंगी. ऐसे में उन्होंने अपने पति के नाम आखिरी चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने इस बात के लिए माफी मांगी कि वो उन्हें अकेले छोड़कर जा रही हैं. लिनी की ये चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. पर्यटन मंत्री कदाकमपल्ली सुरेंद्रन ने भी लिनी को श्रद्धांजलि देते हुए उनका ये खत शेयर किया.
पति के नाम आखिरी चिट्ठी
लिनी को पहले ही पता चल गया था कि वो जिंदा नहीं बच पाएंगी. पति और बच्चों को दुनिया में अकेले छोड़ने से पहले उन्होंने सजीश के नाम एक भावुक चिट्ठी लिखी. लिनी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'सजीश... मैं मौत के नजदीक हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हें आखिरी बार देख भी पाऊंगी. मुझे माफ कर दो. बच्चों का ध्यान रखना. बेटों को तुम अपने साथ गल्फ ले जाना. उन्हें अकेला मत छोड़ना. मेरे पिता जैसा कदम तुम मत उठाना. प्लीज... बहुत सारा प्यार'. पर्यटन मंत्री कदाकमपल्ली सुरेंद्रन ने लिनी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने फेसबुक पेज पर इस खत को शेयर किया है.
पति से नहीं हुई आखिरी मुलाकात
लिनी के पति सजीश खाड़ी देश में काम करते हैं. लिनी अपने दो बच्चों सिद्धार्थ (5) और रितुल (2) के साथ केरल में रहती थीं. पत्नी की हालत के बारे में पता चलने पर सजीश तुरंत भारत के लिए रवाना हो गए, लेकिन वो अपनी पत्नी को आखिरी बार देख भी नहीं सके.
मौत के बाद तुरंत कर दिया गया अंतिम संस्कार
लिनी की मौत निपाह वायरस ही हुई है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. इसके लिए मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. लेकिन आखिरी समय में उनमें जो लक्षण दिखाई दिए वो निपाह वायरस से संक्रमित मरीज में दिखाई देते हैं.
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सोमवार (21 मई) तक लिनी की हालत में तेजी से गिरावट होने लगी थी, जिसके बाद किसी भी दवाई ने उन पर असर करना बंद कर दिया और उन्हें बचाया नहीं जा सका. संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए लिनी के शव को विद्युत श्मशान ले जाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया. वायरस फैलने के डर को देखते हुए लिनी के किसी परिजन तक को आखिरी बार शव के नजदीक तक नहीं जाने दिया गया.
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सीएम ने दी श्रद्धांजलि
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी नर्स लिनी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने लिखा कि, 'इस त्याग की कोई बराबरी नहीं कर सकता. पूरा राज्य लिनी के परिवार के साथ इस दुख के समय में साथ खड़ा है'.