दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सम-विषम योजना के तहत एक दिन वे निजी वाहन चलेंगे, जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या सम होगी तथा दूसरे दिन उन वाहनों के चलने की इजाजत होगी, जिनकी संख्या विषम होगी.
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में आगामी 13 नवंबर से पांच दिनों के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा. शहर में प्रदूषण के खतरनाक स्थिति तक पहुंच जाने के बाद यह कदम उठाने का फैसला किया गया है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सम-विषम योजना के तहत एक दिन वे निजी वाहन चलेंगे, जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या सम होगी तथा दूसरे दिन उन वाहनों के चलने की इजाजत होगी जिनकी संख्या विषम होगी. साल 2016 में एक जनवरी से 15 जनवरी और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सम-विषम योजना दो चरण में लागू की गई थी.
खास बातें...
इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार दोपहर पर्यावरण मंत्रालय और प्रदूषण कंट्रोल एजेंसियों को बैठक करने के आदेश दिए, ताकि इस पर कुछ ठोस समाधान निकाला जा सके. न्यायालय ने तीन दिन के भीतर यह बैठक करने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज सेक्रेटरी को भी इस बैठक में शामिल होने को कहा. इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों के सचिवों को भी मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है. प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कृत्रिम बारिश करने के बारे में भी विचार करने को कहा. न्यायालय ने दिल्ली में पार्किंग फीस बढ़ाए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं. यहां पार्किंग शुल्क चार गुणा बढ़ाया गया है.
उधर, दिल्ली-NCR में प्रदूषण के मामले को लेकर गुरुवार को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भी सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और एमसीडी को कड़ी फटकार लगी. एनजीटी ने दोनों को फटकराते हुए कहा कि 'आप अस्पताल जाकर लोगों की परेशानी देखिए. आप लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. ये शर्मनाक है कि आप आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं'. एनजीटी ने मामले की सुनवाई के दौरान अन्य राज्यों को भी जमकर लताड़ा.