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चेन्नई: एम करूणानिधि को आज द्रमुक की महापरिषद में सर्वसम्मति से 11वीं बार अध्यक्ष चुना गया। द्रमुक प्रमुख की बेटी और राज्यसभा सदस्य कनिमोई का ओहदा बढ़ा और उन्हें महिला शाखा का सचिव बनाया गया जबकि अनबाझागन और एम के स्टालिन सर्वसम्मति से क्रमश: महासचिव और कोषाध्यक्ष चुने गये। चुनावों से कुछ दिन पहले करूणानिधि के बेटे स्टालिन ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज किया था कि उन्हें महासचिव के पद का चुनाव नहीं लड़ने दिया जा रहा और उन्होंने कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी ।
हालांकि यह सच है कि स्टालिन के समर्थक चाहते थे कि उनके नेता को पार्टी में उंचा पद मिले। करूणानिधि चाहते थे कि वरिष्ठ नेता अनबाझागन नंबर दो पर बने रहें। अनबाझागन वर्ष 1977 से महासचिव हैं और स्टालिन दूसरी बार कोषाध्यक्ष चुने गये हैं ।
द्रमुक प्रमुख ने कनिमोई के समर्थकों की उम्मीदों को पूरा करते हुए उन्हें महिला शाखा का सचिव बनाकर उनका पार्टी में ओहदा बढाया। महापरिषद की बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी वर्ष 2011 के विधानसभा चुनावों और पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों में हार के बाद अब वापसी करने के लिए अन्नाद्रमुक का सामना करने की तैयारी कर रही है।
पार्टी कानून व्यवस्था, महंगाई और नदी विवाद सहित अन्य मुददों पर अन्नाद्रमुक को घेरने की कोशिश कर रही है। द्रमुक ने केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला है और उसे सांप्रदायिक बताते हुए सभी दलों से अपने मतभेद भुलाकर भगवा पार्टी का मुकाबला करने का आहवान किया। द्रमुक संस्थापक सीएन अन्नादुरै की मृत्यु के बाद करूणानिधि पहली बार 27 जुलाई 1969 में अध्यक्ष निर्वाचित हुये थे और वह तभी से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं।