कश्मीर घाटी में स्थानीय समाचार पत्रों का प्रकाशन फिर से शुरू
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कश्मीर घाटी में स्थानीय समाचार पत्रों का प्रकाशन फिर से शुरू

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों के संपादकों और मालिकों से मुलाकात करने और मीडिया पर पाबंदियों को लेकर खेद जताए जाने के एक दिन बाद कश्मीर घाटी में गुरुवार से पांच दिनों के बाद स्थानीय समाचार पत्रों का प्रकाशन फिर से शुरू हो गया।

श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों के संपादकों और मालिकों से मुलाकात करने और मीडिया पर पाबंदियों को लेकर खेद जताए जाने के एक दिन बाद कश्मीर घाटी में गुरुवार से पांच दिनों के बाद स्थानीय समाचार पत्रों का प्रकाशन फिर से शुरू हो गया।

सरकार की ओर से कथित तौर पर प्रतिबंधित समाचार पत्रों सहित अधिकांश स्थानीय समाचार पत्र आज प्रकाशित हुए। साथ ही समाचार पत्र वितरक और हॉकर अपने कामों पर लौट गये। समाचार पत्र के एक वितरक ने यहां पर बताया कि यह अच्छा है कि समाचार पत्रों का प्रकाशन एक बार फिर शुरू हो गया। हम ना केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से खुश हैं बल्कि इससे घाटी की तथ्यात्मक सूचना का भी प्रसार होगा जहां पर अफवाहों का बाजार गर्म है। पुलिस द्वारा कथित तौर पर कुछ प्रिंटिंग संस्थानों पर छापेमारी और समाचार पत्रों की जब्ती के साथ प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों को हिरासत में लिये जाने की घटना के बाद शनिवार से घाटी में अंग्रेजी, उर्दू या कश्मीरी किसी भी भाषा में समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं हो रहा था।

पुलिस की कार्रवाई के बाद, कश्मीर स्थित समाचार पत्रों के संपादकों, प्रिंटर्स और प्रकाशकों ने शनिवार को एक बैठक का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा प्रतिबंध नहीं हटाने और माफी नहीं मांगने तक अपना प्रकाशन बंद रखने का निर्णय लिया। पत्रकारों ने प्रतिबंध के खिलाफ एक प्रदर्शन का भी आयोजन किया था और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर एक हमला करार दिया था और अपना काम बंद कर दिया था। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने कहा कि समाचार पत्रों के प्रिंटिंग और प्रकाशन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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