पश्चिम बंगाल में रामनवमी के लिए पंडाल बनाते वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया, जिसमें 4 घायल हो गए.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में रामनवमी के लिए पंडाल बनाते वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया, जिसमें 4 घायल हो गए. भाजपा ने घटना के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ होने की बात कही है. शनिवार (24 मार्च) की रात भाजपा के कार्यकर्ता रामनवमी के लिए पंडाल तैयार कर रहे थे, तभी कुछ असमाजिक तत्वों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. इस हमले में भाजपा के चार कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. भाजपा ने इस घटना के लिए कथित तौर पर टीएमसी को जिम्मेदार बताया है. वहीं पुलिस ने कहा है कि वह घटना की जांच कर रही है.
West Bengal: 4 injured after a #RamaNavami pandal set up by BJP workers was attacked by miscreants in Bardhaman last night. BJP alleged that TMC was behind the incident. Police investigation underway. pic.twitter.com/WBP4LrrmJ4
— ANI (@ANI) March 25, 2018
बंगाल में रामनवमी पर सशस्त्र रैलियां निकालेगी भाजपा : दिलीप घोष
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते 23 मार्च को कहा था कि परंपरा के तहत इस साल भी रामनवमी पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर जुसूस में हथियार शामिल किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस बार इस अवसर को पिछले बार से कहीं ज्यादा भव्य तरीके से और बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार करते हुए घोष ने कहा कि 'रामनवमी का अब तक विरोध करने वाले लोग' भी बहुसंख्यक समाज का समर्थन पाने के लिए इसे मनाने के लिए उत्सुक हैं.
दिलीप घोष ने कहा कि कुछ रैलियों में 'परंपरागत हिंदू हथियार' होंगे लेकिन उन्होंने इनकी जगह और संख्या नहीं बताई. उन्होंने कहा, "दोनों तरह, शस्त्र समेत और बिना शस्त्र की रैलियां निकाली जाएंगी. यह स्थानीय पार्टी नेतृत्व या संबंधित संगठन द्वारा तय किया जाएगा. प्रशासन ने अगर बल प्रयोग कर रैली रोकने का प्रयास किया तो संघर्ष भी हो सकता है."
इसी दिन पश्चिमी मिदनापुर में रामनवमी की तैयारियों के सिलसिले में निकली रैली में एक व्यक्ति को तलवार लहराते देखा गया. इसी तरह वीरभूम जिले के सूरी में एक रैली में भगवान राम का नाम जप रहे हिंदू जागरण मंच के लोगों के हाथ में त्रिशूल थे. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्थान पर हथियार के प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध में ढिलाई देते हुए कहा था कि एक दशक से ज्यादा समय से रामनवमी मनाने वाले संगठनों को रैली में हथियार ले जाने के लिए विशेष अनुमति दी जाएगी.