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नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) पूरी दुनिया को ये बताने की कोशिश कर रहा है कि उसने आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण देना बंद कर दिया है. उसकी ये कोशिश केवल Financial Action Task Force या FATF के शिकंजे से बचने की है. भारतीय खुफिया सूत्रों के पास उन आतंकवादियों के बारे में कई रिपोर्ट्स हैं जिन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि POK में ट्रेनिंग दी जा रही है.
कश्मीर में सुरक्षा से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों को आशंका है कि इस हफ्ते FATF की मीटिंग खत्म होने के बाद नए सिरे से घुसपैठ की बड़ी कोशिश हो सकती है. खुफिया सूत्रों ने पीओके (POK) के अलग-अलग ट्रेनिंग कैंपों में सक्रिय आतंकवादियों की सूची तैयार की है. घुसपैठ के लिए बदनाम लिपा वैली में भारतीय सीमा के अंदर केरन सेक्टर के दूसरी तरफ 6 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार हैं. इसी तरह नौगाम सेक्टर के सामने और रामपुर सेक्टर के सामने लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन (Lashkar-e-Taiba and Hizbul Mujahideen) के एक दर्जन आतंकवादियों को तैयार रखा गया है.
पीर पंजाल के दक्षिण में पुंछ सेक्टर के सामने लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकवादी और पास के ही भिंबर गली सेक्टर के सामने लश्कर-ए-तैयबा के ही 6 से 8 आतंकवादी घुसपैठ के इंतजार में हैं. नौशेरा के सामने जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स के 3 आतंकवादी घुसपैठ के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. इसी गिरोह का एक आतंकवादी शाहिद नवीद 8 अप्रैल को जम्मू में गिरफ्तार हुआ था. 20 मई को खुफिया एजेंसियों को गुरेज सेक्टर के सामने 7-8 हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादियों और उनके दो गाइडों का पता चला था जो घुसपैठ का मौका तलाश रहे हैं.
खुफिया एजेंसियों की एक बड़ी रिपोर्ट के मुताबिक मई के तीसरे हफ्ते में POK के बड़े ट्रेनिंग कैंप निकियाल में 24 आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो खास अभियान के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं. इन आतंकवादियों में जैशे मोहम्मद के 4, अल बद्र के 10 और लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी हैं. इन्हें कमांडो अबू ताला और निकियाल में तैनात 10वीं सिंध रेजिमेंट का मेजर उमर ट्रेनिंग दे रहा है.
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ट्रेनिंग के दौरान इस्लाम और जिहाद के सबक भी सुनाए जा रहे हैं और इन्हें ईद के बाद घुसपैठ के लिए तैयार रहने के कहा गया है. कश्मीर में सेना द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय आतंकवादियों का सफाया हो चुका है. धारा 370 खत्म होने और राजनीतिक बातचीत शुरू होने से घाटी में स्थिति सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं. जाहिर है पाकिस्तान को ये रास नहीं आ रहा है और वो एक बार फिर आतंकवाद भड़काने की कोशिश में है.
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