राफेल डील पर बीजेपी-कांग्रेस के झगड़े में कूदा पाकिस्तान, राहुल गांधी के Tweet को किया Retweet
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राफेल डील पर बीजेपी-कांग्रेस के झगड़े में कूदा पाकिस्तान, राहुल गांधी के Tweet को किया Retweet

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि भारत में सत्ताधारी लोग युद्ध भड़काने कोशिश कर रहे हैं, जिसे हम नकारते हैं. 

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान.

नई दिल्ली: फ्रांस के साथ हुए राफेल डील पर बीजेपी और कांग्रेस बीच जारी आरोप-प्रत्‍यारोप में पड़ोसी पाकिस्तान भी कूद पड़ा है. राफेल डील पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का बयान आने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि भारत सरकार इस डील में घिरती जा रही है. ऐसे में खुद का बचाव करने के लिए भारत सरकार पाकिस्तान का नाम घसीट रही है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि भारत में सत्ताधारी लोग युद्ध भड़काने कोशिश कर रहे हैं, जिसे हम नकारते हैं. मौजूदा सरकार पीएम नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच नफरत फैलाने का काम कर रही है. राफेल डील पर प्रधानमंत्री मोदी पर इस्तीफा देने का दबाव है, इसलिए भारत सरकार इस बड़े रक्षा डील से भारतीय जनता का ध्यान भटकाना चाहती है.

  1. राफेल डील में फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद मची खलबली
  2. राहुल गांधी ने सीधे तौर से पीएम मोदी को निशाने पर लिया
  3. इस आरोप-प्रत्यारोप में पाकिस्तान भी कूद पड़ा है

फवाद चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो ट्वीट को रिट्वीट किया है. साथ ही लिखा है कि इससे पता चलता है कि बीजेपी पाकिस्तान के खिलाफ क्यों जहर उगल रही है. राफेल डील पर अपनी जंग खुद लड़ो.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर किए हमले
इधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राफेल डील पर प्रधानमंत्री ने देश को धोखा दिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, 'प्रधानमंत्री ने बंद दरवाजे के पीछे निजी तौर पर राफेल डील पर बात की और इसमें बदलाव कराया. फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद, हम अब जानते हैं कि उन्होंने (मोदी ने) दिवालिया अनिल अंबानी के लिए अरबों डॉलर्स की डील कराई. प्रधानमंत्री ने देश को धोखा दिया है. उन्होंने हमारे सैनिकों की शहादत का अपमान किया है.'

बीजेपी का राहुल पर पलटवार
इसके जवाब में राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के वार पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को ‘भ्रष्टाचार की जननी’ करार दिया और आरोप लगाया कि यूपीए शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था. राहुल गांधी के मोदी सरकार पर निशाना साधने के बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी को ईमानदारी का प्रतीक बताया. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिलायंस तथा दसाल्ट ने 2012 में ही एक समझौता किया था और तब संप्रग सत्ता में था, इसलिए वह इस आरोप को खारिज करते हैं कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी का पक्ष लिया था.

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इस समझौते की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति से कराने की गांधी की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘लगातार एक के बाद एक झूठ बोलने वाले अहंकारी नेता’’ के अहं को संतुष्ट करने के लिए ही ऐसा नहीं किया जा सकता.

बीजेपी ने नेहरू-गांधी परिवार को निशाने पर लिया
प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वैसे शब्दों का इस्तेमाल आजाद भारत में आज तक किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं किया है. उन्होंने गांधी के बयानों को गैर जिम्मेदार और शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि बिना किसी गुण और काबिलियत के, सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के कारण कांग्रेस अध्यक्ष बने राहुल गांधी से कोई और उम्मीद की भी नहीं जा सकती है.

गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, जमीन और शेयर की लूट में अपनी माता के साथ जमानत पर बाहर हो, एक ऐसा व्यक्ति जो अपने बहनोई द्वारा जमीन लूटने पर खामोश रहे और एक ऐसा व्यक्ति जिसके पूरे परिवार ने बोफोर्स में घूस ली हो, उससे देश कोई अपेक्षा नहीं कर सकता .

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के लोकप्रिय और प्रामाणिक नेता तथा ईमानदारी के प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी को ‘चोर’ कहा है. आजाद भारत में आज तक किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किसी प्रधानमंत्री के लिए नहीं किया है. राफेल सौदे के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों पर भाजपा नेता ने दावा किया कि राहुल गांधी राफेल की सभी जानकारियों को सार्वजनिक कराकर पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं. रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था.

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