अजय 22 जून को पंजा साहिब गुरुद्वारे में जाने वाले हैं, इसके लिए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय से पहले ही अनुमति ले ली गई थी. विदेश मंत्रालय की इजाजत के बावजूद अथॉरिटी ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी.
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नई दिल्ली : पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से गलत व्यवहार करने का मामला सामने आया है. शुक्रवार (22 जून) को पाकिस्तान में तैनात भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया रावलपिंडी के पास स्थित पंजा साहिब गुरुद्वारे में जा रहे थे, तभी उन्हें पाकिस्तान के अधिकारियों ने रोक दिया. बताया जा रहा है कि अजय को उनके जन्मदिन के मौके पर इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की तरफ से निमंत्रण दिया गया था. निमंत्रण मिलने के बाद वह पंजा साहिब गुरुद्वारे पहुंचे थे, लेकिन पाकिस्तान अथॉरिटी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अंदर नहीं जाने दिया.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने दी थी अजय को इजाजत
अजय 22 जून को पंजा साहिब गुरुद्वारे में जाने वाले हैं, इसके लिए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय से पहले ही अनुमति ले ली गई थी. विदेश मंत्रालय की इजाजत के बावजूद अथॉरिटी ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी. पाकिस्तान के अधिकारियों के इस व्यवहार का भारत ने कड़ा विरोध किया है. मामला संज्ञान में आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को समन कर कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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Indian High Commissioner to Pakistan Ajay Bisaria stopped from visiting Gurdwara Panja Sahib in Pakistan's Hasan Abdal, despite having required permissions: Sources (File Pic) pic.twitter.com/njY0V5Ep76
— ANI (@ANI) June 23, 2018
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त के साथ हुए ऐसे व्यवहार के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. मंत्रालय का कहना है कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने भी कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारत की ओर से कहा गया है कि उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन किया गया है और सभी अधिकारियों को सूचित किया गया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से अनुमित होने के बाद अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को अंदर जाने से रोका. यह अपमान की स्थिति है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने की मामले की निंदा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को गुरूद्वारा पंजा साहिब जाने की इजाजत नहीं देने को लेकर पाकिस्तान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अपनी राजनीतिक योजना में धर्म को लाकर भारत के साथ अपने संबंधों में बेहद निचले स्तर पर चला गया है. उन्होंने इसे, 'भारत के प्रति पाकिस्तान की विचारहीन और निर्रथक शत्रुता को चौंकाने वाला प्रतिबिंबन बताया है.'
अप्रैल में भी भारतीय अधिकारियों को रोका गया था
बता दें दो महीने पहले ही पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को सिख तीर्थयात्रियों से मिलने से रोका गया था. सिख तीर्थयात्री भारत से पाकिस्तान में बैसाखी मनाने के लिए आए थे. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया था, 12 अप्रैल को अधिकारियों की टीम वाघा रेलवे स्टेशन पहुंचे तीर्थयात्रियों से नहीं मिल सकी थी. 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहब में अधिकारियों की तीर्थयात्रियों से पहले से तय मुलाकात नहीं होने दी गई.