सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक बॉर्डर से लगे राज्यों के सीमावर्ती गांव खाली कराये गये
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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक बॉर्डर से लगे राज्यों के सीमावर्ती गांव खाली कराये गये

भारतीय सेना की ओर से नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर किये गए लक्षित हमले के मद्देनजर जम्मू कश्मीर और पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से वहां से हटकर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है तथा स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रहने का आदेश दिया गया है।

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक बॉर्डर से लगे राज्यों के सीमावर्ती गांव खाली कराये गये

जम्मू-चंडीगढ़: भारतीय सेना की ओर से नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर किये गए लक्षित हमले के मद्देनजर जम्मू कश्मीर और पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से वहां से हटकर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है तथा स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रहने का आदेश दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अटारी-वाघा सीमा पर होने वाला 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह भी आज आम जनता के लिए बंद कर दिया गया।जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा, ‘हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे गांवों के निवासियों से ऐहतियाती कदम के तौर पर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है।’

उन्होंने कहा कि भारत..पाकिस्तान सीमा से सात से आठ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है तथा 10 किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।'

अधिकारियों ने बताया कि ये निर्देश जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों तथा रजौरी और पुंछ में नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जारी किये गए हैं। आरएस पुरा के कुछ क्षेत्रों में सीमाई इलाकों से निवासियों का सुरक्षित स्थानों पर जाना पहले ही शुरू हो गया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं और कुछ ने सुरक्षित स्थान स्थित अपने रिश्तेदारों के घरों में जाना शुरू भी कर दिया है।’ अधिकारियों ने कहा कि सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जवाबी कार्रवाई की आशंका में रजौरी के नौशेरा बेल्ट में आसपास के क्षेत्रों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है।

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार करीब दो से तीन किलोमीटर भीतर स्थित आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमले किये हैं।पंजाब में भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। पंजाब के छह जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीमा क्षेत्रों में स्कूलों को भी अगले आदेश तक बंद रखने को कहा गया है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पूरी सरकारी एवं राजनीतिक मशीनरी को आपात मोड में डाल दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बादल से फोन पर बात की और उनसे तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का अनुरोध किया।

बादल ने मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया कि वे संबंधित उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से सीमांत जिलों फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरण तारन, गुरदासपुर और पठानकोट में लोगों को हटाने की प्रक्रिया की निगरानी करें।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि शिविर स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करें और यह सुनिश्चित करें कि सीमा के आसपास से हटाये जाने वाले निवासियों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।

बादल ने संबंधित कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों से निजी तौर पर बात की कि वे इन सीमांत जिलों में रहें और निवासियों को सुरक्षित तरीके से निकालने की प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन के साथ करीबी सम्पर्क बनाये रखें।

मुख्यमंत्री ने साथ ही मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि छह सीमांत जिलों के सभी उपायुक्तों को एक..एक करोड़ रूपये की राशि तत्काल जारी करें जिससे वे किसी भी आवश्यकता को पूरा कर सकें।

इस बीच अमृतसर के उपायुक्त वरूण रूजम ने कहा कि अमृतसर जिले में सीमा के पास रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी आपातस्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

 

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