JNU पहुंचे राहुल गांधी, बोले- संस्थान की आवाज दबाने वाले लोग 'राष्ट्रविरोधी' हैं
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JNU पहुंचे राहुल गांधी, बोले- संस्थान की आवाज दबाने वाले लोग 'राष्ट्रविरोधी' हैं

जेएनयू के छात्र की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने परोक्ष रूप से हिटलर के शासन से उसकी तुलना की तथा राजग पर छात्रों की आवाज ‘दबाने’ का आरोप लगाया और छात्रों से ‘उनकी धौंस नहीं चलने देने के लिए कहा।’ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ जेएनयू पहुंचे राहुल को भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी के सदस्यों ने काले झंडे दिखाए।

JNU पहुंचे राहुल गांधी, बोले- संस्थान की आवाज दबाने वाले लोग 'राष्ट्रविरोधी' हैं

नई दिल्ली : जेएनयू के छात्र की गिरफ्तारी को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने परोक्ष रूप से हिटलर के शासन से उसकी तुलना की तथा राजग पर छात्रों की आवाज ‘दबाने’ का आरोप लगाया और छात्रों से ‘उनकी धौंस नहीं चलने देने के लिए कहा।’ देशद्रोह मामले में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के एक दिन बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ जेएनयू पहुंचे राहुल को भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी के सदस्यों ने काले झंडे दिखाए।

इस पर उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मुझे काले झंडे दिखाये, मुझे गर्व है इस देश पर कि उन्हें काले झंडे दिखाने का अधिकार है।’ सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने कहा, ‘इस संस्थान की आवाज दबाने वाले लोग राष्ट्रविरोधी हैं। वे लोग युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले मैं हैदराबाद में था और इन्हीं लोगों ने या इन्हीं नेताओं ने कहा कि रोहित वेमुला राष्ट्रविरोधी थे।’

उन्होंने कहा, ‘जर्मनी में हिटलर नामक एक शख्स था जिसने लाखों लाखों लोगों को तबाह कर दिया। बस वह शख्स उन लोगों को सुनता तो उस देश को इतने दर्द से नहीं गुजरना पड़ता।’ राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा से बहस करके वे खुश होंगे। राहुल ने कहा, ‘असल में अगर वे हमें सुनेंगे तो हमें समझेंगे।’

छात्रों से कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘वे नहीं समझेंगे कि आपका मुंह बंद कराकर वे आपको मजबूत बना रहे हैं। केवल यह संस्थान नहीं, और ना केवल हम, ना केवल यहां बैठे लोग बल्कि इस देश के एक अरब लोग आपमें भरोसा रखते हैं और आपके पक्ष में खड़े हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इनकी धौंस कतई ना चलनें दे। जब वे खुद को देखेंगे, वो डर देखेंगे। वे भयभीत हैं। वे आतंकित हैं। वे गरीब, कमजोर भारतीय लोगों की आवाज सुनकर डरे हुए हैं। हर कदम पर उनके सामने सवाल है। उनसे केवल सवाल मत करें। अपने से भी सवाल करें।’

जेएनयू में छात्र के खिलाफ कार्रवाई और दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के लिए बने हालातों की तुलना करते हुए और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा ‘केवल पीड़ा की बात कही गयी।’ उन्होंने कहा, ‘यह संस्थान उनकी आवाजों का प्रतिनिधित्व करता है। कुछ दिन पहले मैं हैदराबाद में था और उन्हीं लोगों ने कहा कि रोहित राष्ट्रविरोधी तत्व था। एक युवा ने खुद को अभिव्यक्त किया और देश की सरकार कहती है कि वह राष्ट्रविरोधी था। उसने क्या किया था? हर किसी ने कहा कि अपने भीतर का जो वह बयां करना चाहता था उसके लिए वह पीड़ा महसूस करते हैं।’

राहुल ने कहा, ‘बाद में एक मंत्री ने कहा कि वह दलित ही नहीं था। सुषमा स्वराज जी कोई नहीं पूछता कि वह दलित था या नहीं। सवाल है कि एक भारतीय छात्र को वह कहने क्यों नहीं दिया गया जो वह मानता था।’

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