लोकतंत्र को 'कुचलने' के लिए पीएम और शाह मांगें माफी : कांग्रेस
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लोकतंत्र को 'कुचलने' के लिए पीएम और शाह मांगें माफी : कांग्रेस

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए जाने से उत्साहित कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और संविधान की ‘हत्या’ तथा लोकतंत्र को ‘कुचलने’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से माफी मांगने की मांग की।

लोकतंत्र को 'कुचलने' के लिए पीएम और शाह मांगें माफी : कांग्रेस

नई दिल्ली : उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए जाने से उत्साहित कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और संविधान की ‘हत्या’ तथा लोकतंत्र को ‘कुचलने’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से माफी मांगने की मांग की।

कांग्रेस ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह फैसला एक निर्वाचित सरकार को हटाने के लिए भाजपा के मुंह पर तमाचा है। एआईसीसी के संवाद प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अदालत के फैसले को उत्तराखंड के लोगों, लोकतंत्र और संवैधानिक प्रावधानों की जीत करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तथा अमित शाह को इस ‘निर्णायक और प्रतिध्वनि वाले फैसले’ से सीख लेनी चाहिए।

सुरजेवाला ने कहा, ‘यह उत्तराखंड के लोगों, लोकतंत्र और संवैधानिक प्रावधानों की जीत है। यह भाजपा के उन लोगों के चेहरे पर तमाचा भी है जिन्होंने एक निर्वाचित सरकार को हटाने का प्रयास किया जो उत्तराखंड के लोगों के जनादेश से निर्वाचित थी।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को यह नेक सलाह दी जाएगी कि कांग्रेस सरकारों को हटाने के अंधे प्रयास के तहत लोकतंत्र को कुचलने, संवैधानिक प्रावधानों की हत्या और लोगों की आकांक्षा की अनदेखी करने के लिए वह अब देश से तथा उत्तराखंड के लोगों से बिना शर्त माफी मांगे। हम फैसले का स्वागत करते हैं।’ 

उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है और अरूणाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों तक निर्वाचित सरकारों को ‘गलत तरीकों, धन, बल के उपयोग’ के जरिए हटाने के लिए जो ‘कपटपूर्ण षड्यंत्र’ रचा जा रहा है, उसे अब समाप्त हो जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को इस निर्णायक और प्रतिध्वनि वाले फैसले से सीख लेनी चाहिए।’ 

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार को जोरदार झटका देते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा को आज निरस्त कर दिया और हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया। उन्हें 29 अप्रैल को अपना बहुमत साबित करने को कहा गया है।

उधर, देहरादून में उत्साहित हरीश रावत ने केंद्र से सहयोगात्मक संघवाद की भावना से काम करने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘ताकतवर, शक्तिशाली एवं चौड़े सीने वाले’ केंद्र से टकराव का रास्ता नहीं अपनाना चाहती। रावत ने कहा कि मोदी सरकार को हाल के घटनाक्रम को भूल जाना चाहिए और सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे कड़वाहट को भूल कर राज्य को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करें।

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