केंद्र की मोदी सरकार के पिछले साढ़े तीन साल के कार्यकाल से भारत की जनता खुश है. वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के सर्वे के मुताबिक विश्व में अपनी जनता का भरोसा जीतने वाली सरकारों में भारत की मोदी सरकार तीसरे स्थान पर है. इस फेहरिस्त में पहले स्थान पर स्विट्जरलैंड की सरकार है और दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया की सरकार है.
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नई दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार के पिछले साढ़े तीन साल के कार्यकाल से भारत की जनता खुश है. वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के सर्वे के मुताबिक विश्व में अपनी जनता का भरोसा जीतने वाली सरकारों में भारत की मोदी सरकार तीसरे स्थान पर है. इस फेहरिस्त में पहले स्थान पर स्विट्जरलैंड की सरकार है और दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया की सरकार है. सर्वे में स्विट्जरलैंड की सरकार पर 82 फीसदी जनता ने भरोसा जताया है, वहीं इंडोनेशिया की सरकार पर भी वहां की 82 प्रतिशत जनता ने भरोसा जताया है. भारत में मोदी सरकार पर देश की 73 फीसद आबादी ने भरोसा व्यक्त किया है.
गुजरात चुनाव के दौरान नोटबंदी और जीएसटी को लेकर विपक्ष के आरोपों को सामना कर रही मोदी सरकार के लिए यह सर्वे खुशखबरी लेकर आया है. सर्वे के मुताबिक देश की तीन-चौथाई आबादी को पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा है और जनता उनके द्वारा लिए गए हर फैसले में उनके साथ खड़ी है.
A question of confidence: the countries with the most trusted governments https://t.co/7uxffqvXTE pic.twitter.com/1PA8nJeMo2
— World Economic Forum (@wef) November 19, 2017
यह भी पढ़ेंः 13 साल बाद मूडीज ने सुधारी भारत की रैंकिंग, मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों की तारीफ की
इससे पहले शुक्रवार (17 नवंबर) को अमेरिका की क्रेडिट एजेंसी मूडीज ने भी कहा था नोटबंदी और जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ा है. मूडीज इंवेस्टर सर्विस द्वारा भारत की रेटिंग को BAA 3 से बढ़ाकर BAA 2 कर दिया. मूडीज अब वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के इस सर्वे के बाद यह कहा जा सकता है कि 3 साल होने के बावजूद पीएम मोदी का जलवा कायम है और देश में मोदी लहर बरकरार है.
गौरतलब है कि लंबे समय से भारत को रेटिंग एजेंसियां निवेश की सबसे निचली श्रेणी BAA3 में रखती आई हैं. मूडीज की रेटिंग में बढ़ोतरी पर केंद्र सरकार ने बेहद खुशी जाहिर की. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर कहा, ”13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार हुआ है. मुझे भरोसा है कि भारत की आर्थिक सुधार प्रक्रिया के बारे में संदेह रखने वाले अब अपनी राय पर गंभीरता से आत्मचिंतन करेंगे.”