रोहित आत्महत्या: भूख हड़ताल में शामिल हुए राहुल, बोले-नौजवानों पर 'एक विचार' थोपने का प्रयास कर रहे PM और आरएसएस
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रोहित आत्महत्या: भूख हड़ताल में शामिल हुए राहुल, बोले-नौजवानों पर 'एक विचार' थोपने का प्रयास कर रहे PM और आरएसएस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर ‘ऊपर से एक विचार थोपकर’ छात्रों की भावना को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले को महात्मा गांधी की हत्या जैसा करार दिया।

रोहित आत्महत्या: भूख हड़ताल में शामिल हुए राहुल, बोले-नौजवानों पर 'एक विचार' थोपने का प्रयास कर रहे PM और आरएसएस

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर ‘ऊपर से एक विचार थोपकर’ छात्रों की भावना को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले को महात्मा गांधी की हत्या जैसा करार दिया।

राहुल ने शनिवार को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए आज करीब नौ घंटे की भूख हड़ताल की।

राहुल ने कहा, ‘श्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस से मेरा मुख्य विरोध इसको लेकर है कि वे ऊपर से एक विचार थोपकर भारतीय छात्रों और नौजवानों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आप अपने विचार के बारे में बोलिए। अपने विचार सार्वजनिक रूप से रखिए।’ आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिएकजुटता प्रकट करते हुए राहुल ने कहा, ‘उन्हें मेरी या किसी की भी उनको ये बताने जरूरत नहीं है कि उन्हें क्या करना है। यही भावना है जिसके लिए मैं आज यहां आया हूं। मैंने आपके साथ दिन बिताया। यह मुद्दा किसी एक छात्र का नहीं है।’

उन्होंने कहा कि आज सिर्फ रोहित वेमुला की जयंती नहीं है, बल्कि गांधीजी की पुण्यतिथि भी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गांधीजी ने सच की खोज और दुनिया को समझने के लिए जिंदगी जी तथा आखिरकार उनकी उन्हीं ताकतों ने हत्या की जो नहीं चाहती थीं कि वह तेज आवाज में बोलें। यही चीज रोहित के साथ की गई है।

आज रोहित का जन्मदिन है और वह 27 वर्ष के हो गए होते। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘यहां बिल्कुल वही हुआ है जो गांधी के साथ किया गया है।’ इस घटना के सिर्फ किसी एक व्यक्ति या समुदाय से नहीं जुड़े होने की बात पर जोर देते हुए राहुल ने कहा, ‘आप एक दिन पाएंगे कि जिन लोगों ने रोहित को कुचला है वे ही स्वतंत्रता और प्रगति के आपके रास्ते को रोकेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘इस देश के हर छात्र के लिए मेरा यह संदेश है कि रोहित के साथ जो हुआ वह उसे आप होने देंगे तो एक दिन आपके साथ यही होगा।’ राहुल ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और महिलाओं सहित अलग अलग लोगों के खिलाफ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को एक सुझव देना चाहता हूं..आपको इन सभी छात्रों के हाथ में ताकत देनी पड़ेगी। देश को शक्तिशाली बनाने के क्रम में एक ऐसा कानून पारित करने की संभावना पर विचार करिए जिससे विश्वविद्यालयों में भेदभाव खत्म होता हो।’

राहुल कल रात 12 बजकर 10 मिनट पर यहां पहुंचे। उन्होंने रोहित की तस्वीर के आगे मोमबत्तियां जलाईं और आंदोलनकारी छात्रों से बातचीत की। जब छात्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ नारे लगाए तो राहुल ने हस्तक्षेप करते हुए नम्रता के साथ उनसे कहा कि किसी के खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ का नारा मत लगाइए।

उन्होंने कहा, ‘हम किसी के लिए भी ‘मुर्दाबाद’ न कहें। इससे इंसाफ नहीं होगा।’ हाल ही में जिन शोधार्थियों का निलंबन वापस लिया गया है, उनमें से एक वेपुला सुंकन्ना ने कहा कि कुलपति अप्पा राव पोडिले को पद से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘17 जनवरी को हमने अप्पा राव और पांच अन्य के खिलाफ अजा:अजजा अत्याचार का मामला दर्ज कराया था। इन छह लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह एकमात्र मांग है।’

सुंकन्ना विजय कुमार के साथ आमरण अनशन पर बैठे। विजय कुमार का निलंबन भी वापस लिया गया था। दो शोधार्थियों समेत तीन वे छात्र भी आमरण अनशन पर बैठे, जिन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था। ये लोग कुलपति अप्पा राव पोडिले को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। इसके साथ ही इनकी एक मांग यह भी है कि स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय को कैबिनेट से हटाया जाए।

वेमुला का शव विश्वविद्यालय के छात्रावास में लटका हुआ पाए जाने के बाद से राहुल दूसरी बार हैदराबाद के दौरे पर आए हैं।

इससे पहले दलित शोधार्थी की आत्महत्या के बाद राहुल 19 जनवरी को विश्वविद्यालय आए थे। तब उन्होंने आंदोलनरत छात्रों और वेमुला के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी।

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