सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी का बयान, गौरक्षा के बहाने हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे
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सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी का बयान, गौरक्षा के बहाने हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे

सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के बारे में सहयोग मांगा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, गौरक्षा के बहाने हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे. पीएम ने गौरक्षा के नाम पर कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यों से सख्त कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही पीएम ने कहा, गौ रक्षा से जुड़े घटनाक्रम को राजनीतिक या साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, राष्ट्र को इससे कोई लाभ नहीं होगा.

संसद के मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली: सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के बारे में सहयोग मांगा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, गौरक्षा के बहाने हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे. पीएम ने गौरक्षा के नाम पर कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यों से सख्त कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही पीएम ने कहा, गौ रक्षा से जुड़े घटनाक्रम को राजनीतिक या साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, राष्ट्र को इससे कोई लाभ नहीं होगा.

बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचूरी जैसे नेता मौजूद थे. सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि बंदूक कश्मीर में तनाव समाप्त करने का रास्ता नहीं हो सकता है और वह अन्य विपक्षी दलों के साथ कल से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान इस विषय को उठाएगी. जबकि माकपा का कहना है कि सरकार को गौ रक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों को मारे जाने के बारे में जवाब देना चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार को बताया है कि आतंरिक और बाह्य सुरक्षा से जुड़े कुछ संवेदनशील मुद्दे है और संसद सत्र के दौरान इन पर चर्चा किए जाने की जरूरत है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पहले जब भी कश्मीर का मुद्दा उठा, उसमें पाकिस्तान के बारे में चर्चा हुई लेकिन अब हम चीन के बारे में पढ़ और सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार के साथ हैं लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के तरीके के बारे में हमारे अलग विचार है. आजाद ने कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में सरकार को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने कश्मीर में बातचीत के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी है जिससे राजनीतिक घुटन की स्थिति बनी है. बंदूर से कश्मीर में तनाव का समाधान नहीं निकाला जा सकता है.

माकपा महासचिव सीताराम येचूरी ने कहा कहा कि संसद के संभवत: सबसे छोटे मानसून सत्र में सरकारी ने 16 विधेयक सूचिबद्ध किए हैं. उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक दिन हम गौरक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों से मारपीट और कई बार हत्या से जुड़ी घटनाओं को देख रहे हैं. इसके बारे में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.

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