उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में दलित युवक को बारात निकालने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. यह मामला जब हाईकोर्ट के पास पहुंचा तो जिला प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए दलित युवक को बारात निकालने की अनुमति तो दे दी, लेकिन बारात का रोडमैप भी प्रशासन की तरफ से बनाया गया है.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में दलित युवक को बारात निकालने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. यह मामला जब हाईकोर्ट के पास पहुंचा तो जिला प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए दलित युवक को बारात निकालने की अनुमति तो दे दी, लेकिन बारात का रोडमैप भी प्रशासन की तरफ से बनाया गया है. रोडमैप को लेकर पुलिस-प्रशासन का कहना है कि दलितों और ठाकुरों के बीच किसी तरह का टकराव ना हो इसके लिए प्रशासन ने रोड मैप तैयार किया हो. रोडमैप को ठाकुर बाहुल्य इलाके को छोड़कर तैयार किया गया है. पुलिस-प्रशासन के रोडमैप पर दलित युवक ने विरोध जताते हुए कहा कि, वह अपनी बारात ठाकुर बाहुल्य इलाके से होकर क्यों नहीं ले जा सकता है ?
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक संजय कुमार (27) हाथरस जिले का रहने वाला है. उसकी शादी कासगंज जिले के निजामपुर गांव में 20 अप्रैल को होनी है. बारात निकालने के लिए संजय ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया था. कासगंज के पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने कहा कि बारात के रोडमैप को हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट को जमा किया है. इस रोड मैप में निजामपुर गांव के उस सड़क को चुना गया है जो सीधे दुल्हन के घर तक जाती है.
Kasganj: Administration draws a map for 'baraat' of Dalit groom Sanjay Jatav, who would be entering bride's village on a horse. DM RP Singh says 'we've made a route from bride's house to some 500 meters where they can take the horse. Further celebrations can take place at a farm' pic.twitter.com/jotXD8qPDC
— ANI UP (@ANINewsUP) 4 April 2018
मुझे रोड मैप की कॉपी नहीं मिली- संजय कुमार
पुलिस के रोड मैप वाले बयान को लेकर दूल्हा संजय कुमार ने कहा कि कोर्ट में किसी तरह का रोड मैप नहीं जमा किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कोई रोड मैप कोर्ट में जमा करती तो उसकी एक कॉपी उसे भी मिलनी चाहिए थी, जो अभी तक नहीं मिली है. आगे उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने रोड मैप तैयार भी किया है तो मैं उस रोड मैप को क्यों मानूं? मुझे किस सड़क से गुजरना है, इसके लिए पुलिस-प्रशासन की अनुमति जरूरी नहीं है.
आजतक गांव में नहीं निकली है दलित की बारात
निजामपुर गांव में 40 ठाकुर परिवार और पांच परिवार जाटव के रहते हैं. इस गांव में आज तक दलितों की बारात नहीं निकली है. दोनों जाति के लोगों के लिए यह अब अहम का विषय बन चुका है. कासगंज के कलेक्टर आरपी सिंह ने कहा, 'पुलिस ने जो रोडमैप बनाया है उसमें दुल्हन के घर से 500 मीटर की दूरी पर एक खुली जगह से बारात को घर तक पहुंचने की बात कही गई है.' जिले के पुलिस अधीक्षक पीयूष अधीक्षक ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूल्हा संजय कुमार की याचिका को खारिज कर दिया है.