आलोक वर्मा राफेल घोटाले की जांच शुरू करने वाले थे, इसलिए उन्हें हटाया गया : प्रशांत भूषण
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आलोक वर्मा राफेल घोटाले की जांच शुरू करने वाले थे, इसलिए उन्हें हटाया गया : प्रशांत भूषण

प्रशांत भूषण ने कहा, ‘आलोक वर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई का एकमात्र मकसद राफेल घोटाले की जांच को रोकना है.'

प्रशांत भूषण ने राफेल मामले को अब तक का सबसे बड़ा रक्षा खरीद घोटाला बताया (फाइल फोटो, साभार - DNA)

नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा लड़ाकू विमान राफेल की खरीद में कथित गड़बड़ी की जांच शुरु करने वाले थे, लेकिन जांच शुरु होने से पहले ही मोदी सरकार ने वर्मा की जगह पहले से भ्रष्टाचार की जांच से घिरे अधिकारी एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का प्रभारी निदेशक बना दिया. 

प्रशांत भूषण ने वाम दलों की ओर से राफेल खरीद मामले में कथित गड़बड़ी पर बुधवार को आयोजित जनसुनवाई को संबोधित करते हुए सीबीआई में मौजूदा घटनाक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा.

प्रशांत भूषण ने कहा, ‘वर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई का एकमात्र मकसद राफेल घोटाले की जांच को रोकना है. क्योंकि चार अक्टूबर को मैंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिंहा के साथ राफेल घोटाले से जुड़े तथ्य वर्मा को सौंपे थे. इन तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए वर्मा आज जांच शुरु करने वाले थे, लेकिन इसके पहले ही मोदी सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया.’ उल्लेखनीय है कि भूषण ने वर्मा के खिलाफ की गयी कार्रवाई को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

प्रशांत भूषण ने राफेल मामले को अब तक का सबसे बड़ा रक्षा खरीद घोटाला बताते हुए कहा, ‘इसमें प्रधानमंत्री की सीधे तौर पर भागीदारी है और इसीलिए वर्मा की जगह उस अधिकारी को सीबीआई का प्रभारी निदेशक बनाया गया है जिस पर पहले से भ्रष्टाचार के मामलों में जांच चल रही है.’

जनसुनवाई के दौरान माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने वर्मा सहित सीबीआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को देश की शीर्ष जांच एजेंसी में ‘सियासी तख्तापलट’ बताया. उन्होंने कहा कि राफेल मामले में कथित घोटाले की सच्चाई को उजागर होने से रोकने के लिए सरकार ने न सिर्फ देर रात जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों का तबादला कर दिया बल्कि सीबीआई मुख्यालय को सील भी कर दिया गया.

जनसुनवाई में भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, सचिव अतुल कुमार अनजान, राज्यसभा सदस्य डी राजा, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात, नीलोत्पल बसु, भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य और रक्षा विशेषज्ञ डी रघुनंदन एवं रवि नायर ने भी राफेल खरीद मामले में कथित गड़बड़ी के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया.

राजा ने भी सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को तख्तापलट करार देते हुए कहा यह घटनाक्रम चौंकाने वाला है. इससे बतौर एक संस्था, सीबीआई पर संकट गहरा गया है. साथ ही सीबीआई की विश्वसनीता भी खत्म हो गई है. राजा ने कहा, ‘यह सब प्रधानमंत्री की नाक के नीचे हो रहा है और इस बात की भी आशंका है कि इसका ताल्लुक राफेल खरीद मामले से भी है.’

(इनपुट - भाषा)

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