प्रशांत किशोर का सर्वे- 48% ने PM मोदी को माना लीडर, 11% के साथ राहुल दूसरे पसंदीदा नेता
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प्रशांत किशोर का सर्वे- 48% ने PM मोदी को माना लीडर, 11% के साथ राहुल दूसरे पसंदीदा नेता

57 लाख लोगों ने इस ऑनलाइन सर्वे में हिस्‍सा लिया.

नेशनल एजेंडा फोरम के तहत आई-पीएसी के इस सर्वे में कुल 929 नेताओं में से अपनी पसंद के नेता को चुनना था.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: 2019 के आम चुनावों की रणभेरी बजने से पहले किए गए एक बड़े ऑनलाइन सर्वे में 48 फीसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना लीडर मानते हुए उनके नेतृत्‍व में विश्‍वास जताया है. इस मामले में दूसरे स्‍थान पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी का स्‍थान है. उनको 11 प्रतिशत ने अपना नेता माना है. यह सर्वे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से जुड़े एडवोकेसी ग्रुप इंडियन पॉलिटिकल एक्‍शन कमेटी(आई-पीएसी) ने कराया है.

  1. इंडियन पॉलिटिकल एक्‍शन कमेटी(आई-पीएसी) ने यह सर्वे कराया
  2. यह कमेटी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से जुड़ी है
  3. 57 लाख लोगों को इस सर्वे में शामिल होने का दावा किया गया

नेशनल एजेंडा फोरम के तहत आई-पीएसी के इस सर्वे में कुल 929 नेताओं में से अपनी पसंद के नेता को चुनना था. इस संगठन का दावा है कि 57 लाख लोगों ने इस ऑनलाइन सर्वे में हिस्‍सा लिया और इनमें से सर्वाधिक 48 प्रतिशत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व के प्रति विश्‍वास प्रकट किया. 712 जिलों में इस सर्वे को कराए जाने का दावा किया गया है.

तीसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल
इस सर्वे में लोकप्रियता की कसौटी पर 9.3 फीसद वोट के साथ अरविंद केजरीवाल तीसरे पायदान पर रहे, जबकि सपा नेता और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव सात प्रतिशत वोट के साथ चौथे स्‍थान पर रहे. इसके बाद बीएसपी नेता मायावती और पश्चिम बंगाल की  मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी क्रमश: 4.2 और 4.1 प्रतिशत वोट के साथ क्रमश: पांचवें और छठे स्‍थान पर रहीं. इस सर्वे में सियासी दिग्‍गजों और क्षेत्रीय क्षत्रपों को जगह दी गई थी. इस सर्वे में नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, सीताराम येचुरी, शरद पवार समेत अनेक राजनीतिक हस्तियों को जगह दी गई थी.

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712 जिलों में इस सर्वे को कराए जाने का दावा किया गया है.(फाइल फोटो)

मुख्‍य मुद्दे
इस सर्वे में लोगों से देश के समक्ष प्रमुख मुद्दों के बारे में भी पूछा गया था. इस संदर्भ में सर्वे में शामिल होने वाले लोगों ने किसानों की समस्‍या, आर्थिक असमानता, महिला सशक्तिकरण, स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की कमी, सांप्रदायिक एकता और छात्रों की समस्‍याओं को प्रमुख मुद्दा बताया. हालांकि तमाम ऑनलाइन सर्वे पर जिस तरह से सवालिया निशान उठाए जाते हैं, उन्‍हीं तर्कों के आधार पर कहा जा रहा है कि इस तरह के सर्वे में आमतौर पर ग्रामीण भारत की आवाज शामिल नहीं हो पाती. हालांकि इस संबंध में आई-पीएसी के सदस्‍यों ने कहा कि इस ऑनलाइन सर्वे का मकसद जनसंख्‍या के उस तबके तक पहुंचना था, जिनकी इंटरनेट तक पहुंच है.

उल्‍लेखनीय है कि यह सर्वे कमोबेश उसी तरह है जिस तरह प्रशांत किशोर से जुड़ी सिटीजंस फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंंस की ओर से 2013 में कराया गया था. उस सर्वे के नतीजों में भी नरेंद्र मोदी को देश का सबसे पसंदीदा नेता बताया गया था.

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