राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया.
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मोहाली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करते हुए वैज्ञानिकों और छात्रों से जलवायु परिवर्तन और जल संकट जैसी चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने को कहा. भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कोविंद ने रविवार को स्नातक करने वाले छात्रों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें उद्यमी बनने और समाज खासकर वंचित तबके के लिए काम करने को कहा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा , ‘वैज्ञानिक अनुसंधान का उद्देश्य तीन तरफ है. सबसे पहले , राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका बरकरार रहनी चाहिए. जैसे - जैसे हमारा देश विकसित होता है और हमारा समाज बदलता है , उस तरह जरूरतें भी बदलती है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी को विकास से जुड़े सवालों का जवाब हमेशा तलाशना पड़ता है.’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज हमारे सामने सवाल जलवायु परिवर्तन से जूझने लेकर किफायती प्रभावशाली स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने तक का है. अपने किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और शहरों के निर्माण में जल संकट की चुनौतियों से निपटने तथा मकानों का है जो कि समावेशी हो जिससे हर मोहल्ला में अंतिम परिवार को जीने का सम्मान मिले.’
उन्होंने कहा कि विज्ञान - प्रौद्योगिकी का कारोबार और उद्योग के साथ सहजीवी संबंध है तथा विज्ञान , वाणिज्य इसमें काफी कुछ योगदान दे सकता है. इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल भी मौजूद थे.