ZEE जानकारी: 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के पोस्टर में अलगाववादी आसिया अंद्राबी की तस्वीर
Advertisement
trendingNow1346068

ZEE जानकारी: 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के पोस्टर में अलगाववादी आसिया अंद्राबी की तस्वीर

आज जम्मू-कश्मीर में भारत की बेटियों का अपमान हुआ है, और देश की गरिमा को भी ठेस पहुंची है. ये तस्वीर देखिए, ये भारत सरकार के...बेटी बचाओ....बेटी पढ़ाओ, अभियान के लिए बनाया गया एक Poster है. 

ZEE जानकारी: 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के पोस्टर में अलगाववादी आसिया अंद्राबी की तस्वीर

आज जम्मू-कश्मीर में भारत की बेटियों का अपमान हुआ है, और देश की गरिमा को भी ठेस पहुंची है. ये तस्वीर देखिए, ये भारत सरकार के...बेटी बचाओ....बेटी पढ़ाओ, अभियान के लिए बनाया गया एक Poster है. इस Poster में आपको जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी...भारत रत्न लता मंगेशकर...टेनिस Player सानिया मिर्ज़ा.. Astronaut कल्पना चावला और Saint मदर टेरेसा की तस्वीर दिखाई देंगी. इस Poster का मकसद है.. अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करने वाली भारत की महिलाओं को दिखाना... ताकि जम्मू-कश्मीर की बेटियां उनके जीवन से प्रेरणा लेकर, देश के निर्माण में अपना योगदान दे सकें. 

लेकिन, इसी Poster में एक ऐसी महिला को भी जगह दे दी गई, जिसका मकसद है - भारत की बर्बादी . आतंकवादी हाफिज़ सईद इस महिला को अपनी बहन मानता है. और दोनों के बीच बाकायदा Phone पर
लम्बी-चौड़ी बातचीत भी होती है. ये महिला, भारत की ज़मीन पर खड़े होकर ना सिर्फ पाकिस्तान का झंडा लहराती है. बल्कि, भारत की सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें कहती है. और पत्थरबाज़ों की फौज को उकसाने का काम भी करती है. इस महिला का नाम है....आसिया अंद्राबी. जो एक अलगाववादी नेता है. और दुख्तरान-ए-मिल्लत के नाम से अपना संगठन चलाती है. इस महिला का एकमात्र मकसद है, कश्मीर में इस्लामिक क़ानून को लागू करना और 24 घंटे पाकिस्तान की भक्ति में डूबे रहना. भारत विरोधी गतिविधियों की वजह से आसिया अंद्राबी अप्रैल 2017 से ही जेल में है. उसके ख़िलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं.

अब सवाल ये है, कि बेटी बचाओ...बेटी पढ़ाओ के नेक इरादों वाले Poster में, आसिया अंद्राबी को शामिल करके जम्मू-कश्मीर की सरकार, वहां की बेटियों से क्या कहना चाहती है ? क्योंकि एक अलगाववादी को Role Model की तरह पेश करके राज्य की सरकार...घाटी में बेटी बचाओ...बेटी पढ़ाओ नहीं...बल्कि आतंकवादी बनो और आतंकवादी बनाओ जैसी सोच का प्रचार कर रही है. 

आज ज़ी न्यूज़ पर ये ख़बर दिखाए जाने के बाद इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. और अनंतनाग के Additional Deputy Commissioner ने, बाल विकास परियोजना अधिकारी शमीमा अख्तर को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया है. लेकिन, सवाल सिर्फ निलंबन पर आकर ख़त्म नहीं हो जाता. ये मामला बहुत गंभीर है. इसमें गलती कम और मौन समर्थन ज़्यादा दिखाई देता है.

आपको याद होगा कि, आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद, कैसे उसे घाटी का Poster Boy बनाने की कोशिश की गई थी. ऐसा लगता है, कि आसिया अंद्राबी के मामले में भी बिल्कुल वैसा ही हो रहा है. कई लोग तो ये भी कह रहे हैं, कि राज्य सरकार कुछ और नहीं...बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन की सरकार है, इसलिए ये मामला और भी गंभीर हो जाता है. क्योंकि, इस मामले में जवाबदेही दोनों की है...और दोनों ही पार्टियां इस ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकतीं.

एक अच्छा Role Model ढूंढने के लिए, अच्छी नीयत का होना ज़रुरी है. लेकिन अफसोस की बात है, कि कश्मीर घाटी की बेटियों को प्रेरणा देने के लिए राज्य सरकार को आसिया अंद्राबी जैसी महिला मिली. अगर उन्होंने थोड़ी सी मेहनत कर ली होती...तो आज उन्हें शर्मिन्दा नहीं होना पड़ता.

राज्य सरकार चाहती, तो कश्मीर की बेटियों के लिए 16 साल की Zaira Wasim का उदाहरण रख सकती थी. जिन्होंने अपने सपनों को धर्म से उपर रखा....और आज हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की सीक्रेट सुपरस्टार बन चुकी हैं. कश्मीरी छात्रों को अपने सपने साकार करने के लिए, 21 वर्ष की Ayesha Aziz का भी उदाहरण दिया जा सकता था. Ayesha ने 16 वर्ष की उम्र में Bombay Flying Club से अपना Student Pilot Licence हासिल किया था. और कश्मीर की हर बेटी को ये जानकर अच्छा लगेगा, कि 21 वर्ष की उम्र में Ayesha, MIG-29 Fighter Jet उड़ाने वाली, भारत की सबसे युवा महिला Pilot बनने वाली हैं. 

इसके अलावा Tajamul Islam भी कश्मीर की बेटियों के लिए Role Model हो सकती थीं. जिन्होंने 8 वर्ष की छोटी सी उम्र में World Kickboxing Championship का Gold Medal जीतकर भारत का नाम रौशन किया था. Dr. रुवेदा सलाम भी एक ऐसी ही कश्मीरी बेटी हैं, जिन्होंने अपने राज्य का नाम रौशन किया था. Dr. सलाम वर्ष 2013 में UPSC की कठिन परीक्षा को पार करने वाली पहली कश्मीरी महिला बन गई थीं.

अगर राज्य सरकार चाहती, तो वो कश्मीर की बेटियों को रुखसाना कौसर के बारे में बता सकती थीं. जिन्होंने साल 2009 में अकेले अपने दम पर लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकवादी से AK-47 छीनकर उसे मार डाला था. और बाद में उन्होंने ये इच्छा भी ज़ाहिर की थी, कि वो Security Forces...Join करके... कश्मीर घाटी से आतंकवाद का अंत करना चाहती हैं.

आसिया अंद्राबी जैसे लोग खुद को कश्मीर का हमदर्द बताते हैं... लेकिन सच ये है कि ऐसे लोग कभी भी.. देश के सगे नहीं हो सकते. इसलिए हमें लगता है कि अगर Role Model ढूंढने हैं.. तो फिर नीयत भी साफ होनी चाहिए. हम जानते हैं कि ये ख़बर दिखाने के बाद भारत के कथित धर्मनिरपेक्ष लोग हमसे नाराज़ हो जाएंगे.. उन्हें हम पर गुस्सा आएगा.. लेकिन कोई बात नहीं.. कई बार कड़वे सत्य बोलना ज़रूरी होता है.

Trending news