पुरी के शंकराचार्य ने ‘पद्मावती’ के निर्माताओं को माफी मांगने के लिए कहा
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पुरी के शंकराचार्य ने ‘पद्मावती’ के निर्माताओं को माफी मांगने के लिए कहा

शंकराचार्य ने कहा, ‘‘हम उन्हें (फिल्म निर्माताओं) किसी दंड की धमकी नहीं दे रहे हैं. हम सुझाव देते हैं कि वे अपनी गलती पर खेद प्रकट करें और माफी मांगें ताकि भारत के इतिहास से कोई छेड़छाड़ करने की हिम्मत नहीं करे.’’ 

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म पूरे देश में एक दिसम्बर को रिलीज होने वाली है. (फाइल फोटो)

भुवनेश्वर: पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि ऐतिहासिक तथ्यों से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने पर ‘पद्मावती’ के निर्माता माफी मांगें. उन्होंने कहा कि फिल्म में रानी पद्मावती (पद्मिनी) के चरित्र से छेड़छाड़ की गई है. संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ शुरू से ही विवादों में रही है. शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म पूरे देश में एक दिसम्बर को रिलीज होने वाली है. शंकराचार्य ने कहा, ‘‘हम उन्हें (फिल्म निर्माताओं) किसी दंड की धमकी नहीं दे रहे हैं. हम सुझाव देते हैं कि वे अपनी गलती पर खेद प्रकट करें और माफी मांगें ताकि भारत के इतिहास से कोई छेड़छाड़ करने की हिम्मत नहीं करे.’’ 

  1. बढ़ता जा रहा है फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विरोध. 
  2. राजस्थान के सीकर में फिल्म के विरोध में प्रदर्शन.
  3. 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है ‘पद्मावती’.

निर्दलीय विधायक और भींडर राजघराने के सदस्य ने फिल्म का विरोध किया
वहीं उदयपुर के भींडर राजघराने के सदस्य एवं वल्लभनगर से निर्दलीय विधायक रणधीरसिंह भींडर ने कहा कि राजस्थान में हम लोग किसी भी हालत में पद्मावती फिल्म को परदे पर नहीं उतरने देंगे. भींडर ने सोममवार को उदयपुर में कहा कि कोई हमारे पूर्वजो पर फिल्म बनाये और उसमें कोई भी आपत्तिजनक चीजें डालेगा तो हम उसका विरोध तो करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है, कानून और व्यवस्था का भी मामला नहीं है, ये हमारी अस्मिता का मामला है.

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की कानून व्यवस्था बनाने की बात पर हम साथ हैं. हम सभी कानून को मानने और उसकी पालना करने वाले लोग है, लेकिन अगर बात अस्मिता की है तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. भींडर के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम जिलाधीश को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में विधायक भींडर ने कहा कि संजय लीला भंसाली फिल्म निर्माता के प्रतिनिधि ने कहा था कि राणा रतनसिंहजी के वंशज महाराणा महेन्द्रसिंहजी व उनके परिवार को फिल्म की पटकथा दिखाकर ही फिल्म बनाई जाएगी, परन्तु ऐसा नहीं किया गया और न ही फिल्म पूरी होने पर परिवार को बताई गई. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस फिल्म पर प्रतिबंध नही लगाया तो 24 नवंबर को उदयपुर कलेक्ट्रेट पर एक विशाल धरना दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : फिल्म 'पद्मावती' के रिलीज का इंतजार नही कर सकते :दीपिका पादुकोण

सीकर में पद्मावती के खिलाफ प्रदर्शन
इधर, सीकर में राजपूत करणी सेना के बैनर तले सर्व समाज के लोगों ने फिल्म प्रदर्शन पर विरोध जताते हुए शहर में आक्रोश रैली निकाली. रैली रामलीला मैदान से शुरू हुई जो शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची. इस दौरान सर्व समाज के लोगों ने फिल्म निर्माता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए सरकार से फिल्म पर रोक लगाने की मांग की.

राजपूत करणी सेना का कहना है कि हमने प्रशासन को ज्ञापन देकर बता दिया है कि वह ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजकर इस विवादित फिल्म पर रोक लगा दे वही सिनेमाघरों के मालिकों को विज्ञापन देकर चेतावनी दी गई है कि वह फिल्म को सिनेमाघरों में ना लगाएं. इसके बावजूद फिल्म का प्रदर्शन होता है तो राजपूत करणी सेना न केवल सीकर बल्कि संपूर्ण भारत में इस फिल्म का विरोध करते हुए सि‍नेमा धरो को आग लगा दी जाएगी, क्योंकि फिल्म मे इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया गया है. इसे राजपूत समाज ही नहीं, पूरा हिंदू समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.

हिंदू महासभा ने भी किया विरोध
वहीं हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने भी इस फिल्म का विरोध किया है और भंसाली को गिरफ्तार करने की मांग की है. चक्रपाणि महाराज ने आरोप लगाया है कि भाजपा खुद को महिलाओं का सम्मान करने वाली राजनीतिक पार्टी बताती है. लेकिन यहां पर जौहर करने वाली एक रानी के गौरवशाली इतिहास को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. दुर्भाग्य़पूर्ण बात है कि केन्द्र सरकार पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दावा है कि संजय लीला भंसाली जैसे लोग इतिहास के साथ में छेड़छाड़ करने का काम करते है. इनकी गलती के लिए तुरंत गिरफ्तार किए जाना चाहिए. रानी पद्मावती वीर नारी थी, फिल्म के जरिए लोगों तक गलत संदेश दिए जाने की कोशिश की जा रही है.

(इनपुट - भाषा)

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