'मेरी दादी ने मुझे बताया था कि वो मरने वाली हैं और मेरे पिता... उनसे मैंने कहा था कि वे मारे जाएंगे. राजनीति में हम बड़ी ताकतों से मुकाबला करते हैं, जो आमतौर पर नजर नहीं आतीं. आप ऐसे व्यवस्था से लड़ते हैं जो काफी ताकतवर है. वे दिखाई नहीं देते लेकिन आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं.'
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिंगापुर में आईआईएम के छात्रों के साथ एक कार्यक्रम के दौरान अपने पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी की हत्या को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही पता था कि उनकी दादी व पिता मारे जाएंगे. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वे और उनकी बहन प्रियंका गांधी पिता के हत्यारों को माफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब आप शक्तिशाली लोगों से टकराते हैं तो आपको उसकी कीमत चुकानी पड़ती है.
'हमें पता था कि पिता और दादी मारे जाएंगे'
राहुल गांधी ने शनिवार को बड़ी संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं के सामने अपने परिवार को लेकर बातचीत के दौरान कहा, 'हमने हमारे पिता के हत्यारों को माफ कर दिया है. कारण चाहे जो भी हो, मुझे किसी भी प्रकार की हिंसा पसंद नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि उनके परिवार को पहले ही पता था कि उनके पिता की कभी न कभी हत्या कर दी जाएगी. इस बात का जिक्र करते हुए राहुल गांधी बोले, 'हमें पता था हमारे पिता मारे जाएंगे. हमें पता था कि हमारी दादी मारी जाएंगी. राजनीति में जब आप गलत ताकतों से टकराते हैं और उनके खिलाफ खड़े होते हैं तो ये साफ है कि आप मारे जाएंगे.'
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'दादी ने मुझे कहा था वो मरने वाली हैं'
'मेरी दादी ने मुझे बताया था कि वो मरने वाली हैं और मेरे पिता... उनसे मैंने कहा था कि वे मारे जाएंगे. राजनीति में हम बड़ी ताकतों से मुकाबला करते हैं, जो आमतौर पर नजर नहीं आतीं. आप ऐसे व्यवस्था से लड़ते हैं जो काफी ताकतवर है. वे दिखाई नहीं देते लेकिन आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं.'
Congress President Rahul Gandhi interacted with IIM alumni in Singapore. #RGinSingapore #IIMChat https://t.co/bW8VRxwxWj
— Congress (@INCIndia) March 10, 2018
पिता की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'हमने काफी दर्द और दुख सहा. कई सालों से उस घटना को लेकर हमारे अंदर गुस्सा मौजूद है. लेकिन किसी तरह, हमनें उन लोगों (पिता के हत्यारों) को पूरी तरह माफ कर दिया है.'
गौरतलब है कि श्रीलंका के आतंकवादी समूह एलटीटीई के प्रमुख प्रभाकरण के इशारे पर राजीव गांधी की 21 मई 1991 को आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी.
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'मुझे प्रभाकरण के परिवार पर दया आती है'
राहुल ने कहा, 'जब आपको ये एहसास होता है कि ऐसी घटनाएं विचार, ताकत और किसी भी प्रकार की गलतफहमी का टकराव है, तब आप पकड़े जाते हैं. मैं जब प्रभाकरण के शव को टीवी पर देखता हूं तो मेरे अंदर दो भावनाएं आती हैं. पहली ये कि ये लोग इस व्यक्ति को इस तरह अपमानित क्यों कर रहे हैं. और फिर मुझे उसके बच्चों और परिवार पर तरस आने लगता है.'
अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की उन्हीं के सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड्स ने हत्या कर दी थी. इस घटना के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'मैं जब 14 साल का था तब मेरी दादी की हत्या कर दी गई. जिन्होंने मेरी दादी की हत्या की उनके साथ मैं बैडमिंटन खेला करता था. इसके बाद मेरे पिता की हत्या कर दी गई. इन घटनाओं के कारण आप एक विशेष वातावरण में रहते हैं, जहां दिन-रात आप 15 लोग आपके साथ रहते हैं. मुझे नहीं लगता ये कोई विशेष सुविधा है. ऐसी परिस्थितियों में रहना आसान नहीं है.'