जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रसून जोशी को 28 जनवरी (रविवार) को शामिल होना है. इस दिन का इवेंट जयपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा लॉन में दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच होना है.
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नई दिल्लीः राजस्थान सरकार ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष प्रसून जोशी को 25 जनवरी से शुरू होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने के लिए पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है. साहित्य का यह महाकुंभ 25 जनवरी से 29 जनवरी तक चलेगा. इस फेस्टिवल में साहित्य जगत से जुड़ी देश और दुनिया की बड़ी हस्तियां हिस्सा लेती हैं. आपको बता दें कि सेंसर बोर्ड द्वारा संजय लीली भंसाली की फिल्म पद्मावत' को हरी झंडी दिए जाने से नाराज राजपूत करणी सेना ने धमकी दी है सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं दिया जाएगा.
आपको बता दें कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रसून जोशी को 28 जनवरी (रविवार) को शामिल होना है. इस दिन का इवेंट जयपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा लॉन में दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच होना है. इस मामले में जब राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराएंगे, राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है.
We will provide all protection he needs from us. It is our duty to maintain law & order: Rajasthan Home Minister Gulab Chand Kataria on Rajput Karni Sena's threat that 'Prasoon Joshi (CBFC chief) won't be allowed to enter the state' #Padmaavat pic.twitter.com/1OgoO8qu8i
— ANI (@ANI) January 21, 2018
करणी सेना की प्रसून जोशी को धमकी
19 जनवरी को राजपूत करणी सेना के सुखदेव सिंह ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेश (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी को लेकर भी धमकी दी थी. उन्होंने कहा था कि 'हम प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे.' सुखदेव सिंह ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बेंच के पास जाएंगे और फिल्म पर बैन लगाने की अपनी मांग को रखेंगे.
कलवी ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग
इसके अलावा करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा है कि, लॉ एंड ऑडर को लेकर मुख्यमंत्रियों के बयान आना शुरू हो गए है. गुजरात के सीएम ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म पर लगाया बैन जारी रखा है. उन्होंने कहा कि पूरा राजपूत समाज इस वक्त पीएम मोदी की तरह देख रहा है. यह बहुत गंभीर मामला है उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए. कलवी ने बताया कि यदि राज्य सरकार को ऐसा लगता हो कि किसी फिल्म के रिलीज से राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है तो ऐसी स्थिति में वह फिल्म की रिलीज रोक सकती है. उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि, राजस्थान में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर (2008) और गुजरात में यश राज फिल्म की फना (2006) को सेंसर बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद भी बैन कर दिया गया था.
सेंसर सर्टिफिकेट को रद्द करने की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को 'पद्मावत' को सेंसर बोर्ड द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट को गैर कानूनी बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, 'अदालत, संविधान के अनुसार चलती है और हम कल ही अपने अंतरिम फैसले में यह कह चुके हैं कि राज्य सरकारों के पास किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने का अधिकार नहीं है.' यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की थी.
सुुप्रीम कोर्ट ने फिल्म से बैन हटाया
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फिल्म ‘पद्मावत’ की 25 जनवरी को देशभर में रिलीज का रास्ता साफ कर दिया था. शीर्ष अदालत ने गुजरात और राजस्थान में इस विवादित फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक हटा दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों पर फिल्म के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने की इस तरह की अधिसूचना या आदेश जारी करने पर रोक लगा दी. इस फिल्म की कहानी 13वीं सदी में महाराजा रतन सिंह एवं मेवाड़ की उनकी सेना और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है.
करणी सेना ने फिल्म पद्मावत के रिलीज के दिन ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का किया आह्वान
रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ चुकी फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ के मुखर विरोधी संगठन श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्रसिंह कालवी ने लोगों से फिल्म की रिलीज की तारीख 25 जनवरी के दिन पूरे देश में फिल्म को लेकर ‘‘जनता कर्फ्यू’’ लगाने का आह्वान किया. कालवी ने गुरुवार (18 जनवरी) यहां मीडिया से चर्चा करते हुए दावा किया, ‘‘इस फिल्म का विरोध अब केवल राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि सभी समाजों के लोग कर रहे हैं. हम जनता से अनुरोध करते हैं कि फिल्म के रिलीज होने की तारीख 25 जनवरी को पूरे देश में सामाजिक जनता कर्फ्यू लगाया जाये.’’ मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों की सरकारों ने अपने राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की घोषणा की थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इसे पूरे देश में रिलीज करने के आदेश दिये हैं. कालवी यहां राजपूत समाज के कार्यक्रम में शामिल होने आये थे.
करणी सेना ने सिनेमा हॉल पर हमला किया, पद्मावत फिल्म के पोस्टर फाड़े
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 'करणी सेना' के कार्यकर्ताओं ने एक सिनेमा हॉल पर हमला किया और पद्मावत फिल्म के पोस्टर फाड़े. मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन के विरोध में शहर में जुलुस निकाला और प्रदर्शन किया . उन्होंने बताया कि करणी सेना के कार्यकर्ता हाथों में तलवार लिए ज्योति सिनेमा हॉल पहुंचे और वहां तोड—फोड की. कुमार ने बताया कि उन्होंने ज्योति सिनेमा हॉल परिसर में लगाए गए ‘पद्मावत’ फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए .
करणी सेना के कार्यकर्ताओ ने धमकी दी कि इस फिल्म को अगर प्रदर्शित किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. आगामी 25 जनवरी को रिलीज होने वाली इस फिल्म के प्रदर्शन पर हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगी रोक पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है . हालांकि बिहार सरकार ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगायी है पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले कहा था कि इस फिल्म के निर्माता और अन्य लोगों को फिल्म से जुड़ी शंकाएं दूर करने के बाद इसे रिलीज करना चाहिए.