CM Ashok Gehlot ने धौलपुर में रविवार को एक समारोह में पहली बार कांग्रेस के तीन विधायकों- दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा की तारीफ की. सीएम गहलोत ने कहा, आप कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं, पार्टी आपको कभी नहीं भूल सकती.
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Rajasthan CM Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में रविवार को एक समारोह में पहली बार कांग्रेस के तीन विधायकों- दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा की तारीफ की. सीएम गहलोत ने कहा, आप कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं, पार्टी आपको कभी नहीं भूल सकती. अगर मेरी चलती तो तीनों युवा मेरे मंत्री बन जाते. उन्होंने कहा कि वह कुछ राजनीतिक कारणों से उन्हें मंत्री नहीं बना सकते.
बता दें कि जुलाई 2020 में जब तत्कालीन डिप्टी सीएम और राज्य कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायक राजस्थान छोड़कर मानेसर चले गए थे. उन दिनों कांग्रेस विधायक चेतन डूडी, रोहित बोहरा और दानिश अबरार सचिन पायलट खेमे में थे. ये तीनों विधायक सचिन पायलट के कट्टर समर्थक माने जा रहे थे. बगावत के पहले दिन इन तीनों विधायकों के मोबाइल बंद थे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन सभी विधायकों के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने सरकार बचाने में साथ दिया था. सरकार बचने के बाद सीएम गहलोत ने कहा, वे सरकार का साथ देने वाले तमाम विधायकों के लिए हमेशा अभिभावक बनकर काम करेंगे. डूडी, बोहरा और अबरार को अशोक गहलोत बड़ा तोहफा देना चाहते थे लेकिन अभी तक दे नहीं पाए.
सीएम अशोक गहलोत ने और क्या कहा...
अशोक गहलोत ने कहा कि अगर इन तीनों विधायकों ने समय पर मेरा समर्थन नहीं किया होता, तो मैं आपके सामने सीएम के रूप में खड़ा नहीं होता. धौलपुर में अपने भाषण में, गहलोत ने यह भी दावा किया कि बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तब कथित रूप से बागी विधायकों को रिश्वत देने के बीजेपी के प्रयासों का विरोध करके सरकार को बचाने में मदद की थी. राजे ने बाद में मुख्यमंत्री के बयान को उनके खिलाफ साजिश के रूप में खारिज कर दिया.
दिलचस्प बात यह है कि राजनीतिक संकट से पहले दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा को सचिन पायलट का करीबी माना जाता था. ये सभी राजस्थान के जाने-माने राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं जो दशकों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. दानिश अबरार के पिता अबरार अहमद केंद्रीय मंत्री थे, उनकी मां यास्मीन अबरार पार्टी विधायक थीं और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष भी थीं. बोहरा के पिता प्रद्युम्न सिंह 2018 तक कांग्रेस के विधायक थे, जिन्होंने अपने बेटे के लिए सीट छोड़ने से पहले आठ बार धौलपुर जिले में राजाखेड़ा सीट जीती थी. इसी तरह चेतन डूडी के दिवंगत पिता रूपा राम डूडी नागौर जिले के डीडवाना से दो बार विधायक रह चुके हैं.
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