राजीव गांधी तो भरी संसद में मंडल कमीशन के खिलाफ बोले थे: PM नरेंद्र मोदी
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राजीव गांधी तो भरी संसद में मंडल कमीशन के खिलाफ बोले थे: PM नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 1997 में कांग्रेस और तीसरे मोर्चे की सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण बंद कर दिया था.

पीएम मोदी ने कहा कि महागठबंधन तेल और पानी के मेल जैसा है, इसके बाद न तो पानी काम का रहता है, न तेल काम का होता है और न ही ये मेल.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: गोरखपुर, कैराना, फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में हार और एससी-एसटी एक्‍ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उपजी राजनीति के बीच कहा जा रहा है कि 2019 का लोकसभा चुनाव दलितों और पिछड़ों के मुद्दे पर लड़ा जाएगा. कांग्रेस समेत विपक्ष बीजेपी को दलित और पिछड़ा विरोधी कह रहे हैं. इस संदर्भ में दैनिक जागरण को दिए इंटरव्‍यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, 'राजीव गांधी भरी संसद में मंडल कमीशन के खिलाफ बोले थे और वह सब रिकॉर्ड में है. पिछड़े समाज को न्‍याय न मिले, उसके लिए उन्‍होंने बड़ी-बड़ी दलीलें पेश की थीं. 1997 में कांग्रेस और तीसरे मोर्चे की सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण बंद कर दिया था. वह तो अटल जी की सरकार थी, जिसने फिर से एससी-एसटी समाज को न्‍याय दिलाया.'

  1. पीएम ने महागठबंधन को तेल और पानी का मेल कहा
  2. इन दलों का चुनावी समीकरण, बीजेपी के विकास के एजेंडे को रोक नहीं सकता
  3. पिछले दिनों एससी-एसटी संशोधक विधेयक को लोकसभा में मंजूरी दी गई

तेल और पानी की तरह है विपक्षी महागठबंधन
बीजेपी को घेरने के लिए विपक्षी महागठबंधन की बढ़ती कवायद पर टिप्‍पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''महागठबंधन तेल और पानी के मेल जैसा है, इसके बाद न तो पानी काम का रहता है, न तेल काम का होता है और न ही ये मेल. यानी ये मेल पूरी तरह फेल है.'' इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने इन पार्टियों को खुद को साबित करने के लिए पर्याप्‍त मौका दिया लेकिन ये भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद और कुशासन से बाहर नहीं निकल सकीं. अब ये जान गई हैं कि जाति, धर्म के आधार पर बनाए गए इनका चुनावी समीकरण हमारे विकास के एजेंडे को चुनौती नहीं दे सकता. इसलिए डर कर महागठबंधन बना रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि जो खुद डरा हुआ है, वह दूसरे को संबल कैसे दे सकता है?

इस बीच दलित और पिछड़ों के मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर रुख के बीच लोकसभा ने पिछले दिनों अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी. सरकार ने जोर दिया था कि बीजेपी नीत सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तिकरण के लिये काम कर रही है. लोकसभा में लगभग छह घंटे तक हुई चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.

इसके साथ ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को भी मानसून सत्र में संसद की मंजूरी मिल गयी. राज्यसभा ने इससे संबंधित ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है.

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बीजेपी मनाएगी सामाजिक न्याय पखवाड़ा
इसके साथ ही बीजेपी देश भर में 15-30 अगस्त तक ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ और अगले वर्ष 1-9 अगस्त तक ‘सामाजिक न्याय सप्ताह’ मनायेगी जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के विधेयक को संसद की मंजूरी और दलितों पर अत्याचार के खिलाफ कानून को मजबूत बनाने की पहल के तौर पर मनाया जाएगा. पिछले दिनों बीजेपी संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की.

उस दौरान उन्‍होंने कहा था कि संसद के वर्तमान मानसून सत्र को सामाजिक न्याय सत्र के रूप में जाना जायेगा. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस अवसर पर अगस्त क्रांति और 1942 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए भारत छोड़ो आंदोलन का भी जिक्र किया तथा इस परिपेक्ष्‍य में संसद द्वारा इस महीने पारित होने वाले विधेयकों के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया.

सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था. संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित किया है जो देश भर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनायेगा. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने को महत्वपूर्ण पहल बताया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं समाज के वंचित वर्गों के समग्र विकास की जरूरत है और उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है. इन कार्यों में इन वर्गों का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और बौद्धिक सशक्तिकरण शामिल है. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं और सांसदों से सरकार के इन कार्यों को जनता के समक्ष मजबूती से रखने को कहा. उन्होंने सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में इन कार्यों को सक्रियता से एवं मुखर होकर पेश करने को कहा था.

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