'जी न्यूज' की टीम सबसे पहले जयपुर के ज्योति नगर थाना क्षेत्र में पहुंची और अपनी पड़ताल की शुरुआत थाने के ठीक सामने से शुरू की.
Trending Photos
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के शिप्रापथ थाना के सामने खाली मैदान में एक व्यक्ति को बुधवार देर रात जलाने की घटना के बाद पूरी जयपुर पुलिस की रात्रि गश्त पर सवाल खड़े हो गए थे. राजस्थान पुलिस की इसी रात्रि गश्त की सच्चाई जानने के लिए 'जी न्यूज' की टीम देर रात जयपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पहुंची. 'जी न्यूज' की इस पड़ताल में बहुत से चौंकाने वाले खुलासे हुए. रियलिटी चेक में यह बात सामने आई कि शिप्रापथ की घटना के बाद भी जयपुर पुलिस पूरी तरह से सतर्क नहीं हुई है और नाकेबंदी कर खानापूर्ति चल रही है.
ज्योति नगर थाने के सामने 4-5 बार रुकी गाड़ी पर नहीं हुई कोई हलचल
'जी न्यूज' की टीम सबसे पहले जयपुर के ज्योति नगर थाना क्षेत्र में पहुंची और अपनी पड़ताल की शुरुआत थाने के ठीक सामने से शुरू की. 'जी न्यूज' की टीम ने एक प्रयोग करने की कोशिश की जिसमें उन्होंने अपने ऑफिस की गाड़ी को थाने के ठीक सामने से तकरीबन चार से पांच बार घुमाया. इस दौरान टीम ने अपनी गाड़ी को थाने के गेट के सामने कई बार रोका लेकिन थाने की ओर से किसी तरह की कोई हलचल नहीं दिखाई दी. यहां तक कि थाने के मुख्य गेट की तरफ टीम ने अपनी गाड़ी के दरवाजे भी खोले, लेकिन किसी तरह का मूवमेंट थाने की तरफ से नजर नहीं आया.
मालवीय नगर में भी नजर नहीं आई पुलिस की मूवमेंट
इसके बाद 'जी न्यूज' की टीम पांच से 6 किलोमीटर का सफर तय कर के राजधानी के पॉश इलाके मालवीय नगर में पहुंची. यहां पर उम्मीद थी कि पुलिस का मूवमेंट दिखाई देगा, लेकिन टीम जब थाने के बाहर पहुंची तो किसी तरह की तैनाती थाने के आसपास दिखाई नहीं दी. जब गाड़ी की लाइट थाने की ओर पड़ी तो थाने के अंदर से एक सिपाही ने बाहर की तरफ झांक कर देखा और उसके बाद तुरंत अंदर चला गया.
अपैक्स चौराहे पर मिली यातायात पुलिस की नाकेबंदी
इसके बाद 'जी न्यूज' की टीम जगतपुरा की तरफ जाने वाले अपैक्स चौराहे पर पहुंची. जहां पर शुरुआत में एक जवान नाकेबंदी कर रहा था लेकिन बाद में 3 जवान और नाकेबंदी के लिए आ गए. लेकिन, ये नाकेबंदी यातायात पुलिस जयपुर की थी. नाकेबंदी में शराब पीकर वाहन चलाने वाले, बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी.
प्रताप नगर में भी पसरा था सन्नाटा
इसके बाद 'जी न्यूज' की टीम जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के थाना सांगानेर होते हुए प्रताप नगर जा पहुंची. प्रताप नगर एक ऐसा इलाका है जो कि बेहद सुनसान रहता है और अपराध के लिए जाना जाता है. लूटपाट जैसे संगीन अपराध प्रताप नगर में आमतौर पर देखे गए हैं. अब 'जी न्यूज' की टीम प्रताप नगर इलाके में थी जो जी न्यूज के जयपुर ऑफिस से तकरीबन 17 से 18 किलोमीटर दूर पड़ता है. लेकिन यहां पर भी पुलिस का कोई मूवमेंट दिखाई नहीं दिया. यहां पर भी थाने के बाहर सन्नाटा पसरा मिला. काफी देर बाद एक सिपाही बाहर आया और अपनी उपस्थिति उसने कैमरे में दर्ज कराई.
लाइन हाजिरी के बाद भी सतर्क नहीं था शिप्रापथ थाना
अब हमारी टीम सीधे उस थाने के बाहर जा पहुंची जिस थाने के ठीक बाहर बीते दिनों हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था और जिसके बाद पुलिस की गश्त, कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए थे. थाने के ठीक बार हमने एक प्रयोग करने की कोशिश की एक ऐसा प्रयोग जिसके बाद यह साफ हो जाता के थाने की पुलिस की मुस्तैदी थी या नहीं. हमने कुछ अखबारों को थाने के बाहर रखा और उनमें आग लगा दी. उम्मीद थी कि आग को देखकर किसी तरह का कोई मूवमेंट थाने के अंदर से दिखाई देगा. लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. यह आलम तब है जब इस थाने पर लाइन हाजिर होने की गाज गिर चुकी है.
आपको स्पष्ट कर दें कि 'जी न्यूज' की टीम द्वारा गश्त की इस पड़ताल को दिखाने का मकसद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करना बिलकुल भी नहीं है, बल्कि आला अधिकारियों तक ये मैसेज पहुंचाना है कि राजधानी में अभी और मुस्तैदी की जरूरत है. ताकि आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर वाले पुलिस के नारे का इकबाल बुलंद रहे.