22 दिसंबर, 2000 को आतंकियों ने लालकिले में घुस कर फायरिंग की थी. इस हमले में तीन जवान शहीद हुए और नागरिक की मौत हुई थी.
Trending Photos
नई दिल्ली : सन 2000 में दिल्ली के लाल किले पर हुए आतंकी हमले के मामले में 17 साल बाद पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. दिल्ली पुलिस और गुजरात एटीएस ने एक संयुक्त अभियान में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया जिस पर 2000 में लालकिले पर हुए हमले में शामिल होने का संदेह है. पुलिस के अनुसार गुजरात के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी थी कि बिलाल अहमद 'कावा' श्रीनगर से दिल्ली आ रहा है. उसे इस मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. पुलिस के मुताबिक, 'कावा' को बुधवार की शाम दिल्ली हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ की जा रही है.
कश्मीर में छिपा था बिलाल
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) पीएस कुशवाह ने कहा कि कावा को शाम में करीब छह बजे गिरफ्तार किया था. पुलिस को तभी से बिलाल की तलाश थी. बिलाल लंबे समय से कश्मीर में छिपा हुआ था. गुजरात पुलिस उस पर नजर रखे हुए थी. बुधवार को पुलिस को जैसे ही सूचना मिली कि बिलाल श्रीनगर से दिल्ली आ रहा है. इस बात की सूचना फौरन दिल्ली पुलिस को दी गई. दिल्ली पुलिस ने शाम 6 बजे एयरपोर्ट पर बिलाल को हिरासत में ले लिया. 37 वर्षीय बिलाल आतंकी संगठन 'लश्कर ए तैयबा' का सदस्य बताया जा रहा है.
लालकिला हमला
लाल किले पर 22 दिसंबर, 2000 को हुए हमले में सेना के दो जवान समेत तीन लोग मारे गए थे. इस मामले में 11 आरोपी पकड़े गए थे, जिन्हें सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई थी. पुलिस ने बताया कि इस हमले को अंजाम देने के लिए अलग-अलग बैंक खातों में 30 लाख से अधिक रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जिनमें से एक खाता बिलाल अहमद का भी था. हवाला की इस रकम से ही हथियार खरीदे गए थे. लश्कर के छह आतंकियों ने लाल किले के अंदर सेना पर हमला किया था. एके-47 व हैंड ग्रेनेड से लैस आतंकियों ने रात करीब 9 बजे लाल किले के अंदर चल रहे लाइट एंड साउंड प्रोग्राम के दौरान अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. इस मामले में अदालत 11 दोषियों को सजा भी सुना चुकी है.
Visuals from #Delhi Police Special Cell. In a joint op, Special Cell of Delhi Police and Gujarat ATS had arrested a suspected 37-year-old yesterday for alleged involvement in terror attack on Red Fort in the year 2000. pic.twitter.com/t1WSuIdTRF
— ANI (@ANI) 11 जनवरी 2018
बच निकले थे आतंकी
हमले में राजपूताना राइफल्स के तीन जवान अब्दुल्लाह ठाकुर, उमा शंकर व नायक अशोक कुमार शहीद हुए थे. जांच के बाद पता चला कि आतंकी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक इस हमले का मास्टरमांइड था और टीम की अगुवाई कर रहा था. घटना के तुरंत बाद 25 दिसंबर को स्पेशल सेल ने कई आतंकियों को गिरफ्तार किया था.
LeT terror suspect Bilal Ahmed Kawa who was arrested in a joint operation by Special Cell of Delhi Police and Gujarat ATS from Delhi Airport yesterday for alleged involvement in terror attack on Red Fort in 2000. pic.twitter.com/ap3b0CsOZR
— ANI (@ANI) 11 जनवरी 2018
मास्टरमाइंड को फांसी की सजा
हमले के मास्टरमाइंट आरिफ उर्फ अशफाक को 2005 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी फांसी सजा बरकरार रखी है, लेकिन अभी फांसी देने पर अंतरिम रोक है. अन्य आतंकी नजीर अहमद कासिद और फारूक अहमद कासिद को उम्र कैद तथा पाकिस्तानी नागरिक आरिफ की भारतीय पत्नी रहमाना यूसुफ फारूकी को सात साल की सजा सुनाई थी.