संपन्‍न लोगों के लिए न हो आरक्षण: संघ
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संपन्‍न लोगों के लिए न हो आरक्षण: संघ

हाल में जाट आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन का परोक्ष रूप से संदर्भ रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रभावशाली तबकों की आरक्षण की मांग को खारिज कर दिया और यह पता लगाने के लिए अध्ययन करने की वकालत की कि पिछड़े वर्ग के जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है या नहीं। सामाजिक समरसता की वकालत करते हुए संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि जाति आधारित भेदभाव के लिए हिंदू समुदाय के सदस्य जिम्मेदार हैं और हमें सामाजिक न्याय के लिए इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने इस बाबत बीआर अंबेडकर को याद किया।

संपन्‍न लोगों के लिए न हो आरक्षण: संघ

नागौर (राजस्थान) : हाल में जाट आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन का परोक्ष रूप से संदर्भ रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रभावशाली तबकों की आरक्षण की मांग को खारिज कर दिया और यह पता लगाने के लिए अध्ययन करने की वकालत की कि पिछड़े वर्ग के जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है या नहीं। सामाजिक समरसता की वकालत करते हुए संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि जाति आधारित भेदभाव के लिए हिंदू समुदाय के सदस्य जिम्मेदार हैं और हमें सामाजिक न्याय के लिए इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने इस बाबत बीआर अंबेडकर को याद किया।

संपन्न लोगों की आरक्षण की मांग को नामंजूर करते हुए जोशी ने कहा कि अंबेडकर ने सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण के प्रावधान बनाये थे और आज आरक्षण की मांग कर रहे लोगों को इस अवधारणा को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सोच सही दिशा में नहीं है। ऐसे (समृद्ध) वर्ग के लोगों को अपने अधिकार छोड़ देने चाहिए और समाज के कमजोर तबके की मदद करनी चाहिए। लेकिन इसके बजाय वे अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं जो सोच सही दिशा में नहीं है। जोशी ने इस तरह की मांगों के लिए किसी वर्ग का सीधा उल्लेख नहीं किया लेकिन समझा जाता है कि उनका इशारा जाट समुदाय की ओर था जिसने हाल ही में आरक्षण के लिए हरियाणा में बड़ा हिंसक आंदोलन चलाया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगने की घटनाओं को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए। संगठन ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा संघ की तुलना आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से किये जाने पर कहा कि यह उनकी अज्ञानता और बौद्धिक दिवालियापन को दर्शाता है। जेएनयू में लगे राष्ट्रविरोधी नारों के मुद्दे पर संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि यह सभी देशभक्त नागरिकों के लिए गंभीर मामला है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा लेकिन विश्वविद्यालयों में ऐसा माहौल किसने बनने दिया। अगर ऐसे विश्वविद्यालय राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र बन जाते हैं तो यह गंभीर चिंता का विषय है, राजनीति का नहीं। उन्होंने कहा कि क्या सत्ता में आने वाली कोई पार्टी पाकिस्तान के संदर्भ में अपना रख या भूमिका बदल सकती है। जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि देश की अखंडता और सुरक्षा का ध्यान रखने वाली सोच देश के हित में सर्वश्रेष्ठ समझी जानी चाहिए। घटना के खिलाफ देशभर से प्रतिक्रिया आई और यह स्वागत योग्य है। यह दिखाता है कि समाज जागरक है।

 

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