रियाज नाइकू के खात्मे के साथ खत्म हुआ आतंक का ‘बुरहान वानी गैंग’, जानें कौन-कौन था इसमें शामिल
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रियाज नाइकू के खात्मे के साथ खत्म हुआ आतंक का ‘बुरहान वानी गैंग’, जानें कौन-कौन था इसमें शामिल

घाटी में आशांति फैलाने के पाकिस्तानी मंसूबों को सुरक्षा बल लगातार नाकाम करते आ रहे हैं. 6 मई को सुरक्षा बलों ने कुख्यात आतंकवादी रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo)को मार गिराया. इसे हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) और पाकिस्तान के लिए बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है.

फाइल फोटो

जम्मू: घाटी में आशांति फैलाने के पाकिस्तानी मंसूबों को सुरक्षा बल लगातार नाकाम करते आ रहे हैं. 6 मई को सुरक्षा बलों ने कुख्यात आतंकवादी रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo)को मार गिराया. इसे हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) और पाकिस्तान के लिए बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि बुरहान वानी के बाद नाइकू आतंक की दुनिया में काफी नाम कमा रहा था. जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी को सेना द्वारा जहन्नुम भेजने के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन ने रियाज नाइकू को अपना कमांडर दिया था. A ++ श्रेणी के आतंकवादी या मोस्ट वांटेड के रूप में सामने आये नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम था.

2016 के मध्य में सेना ने बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया था. यह पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका था. घाटी में वानी के जनाजे में शामिल होने के लिए उमड़ी भीड़ ने सरकार को भी चिंता में डाल दिया था, लेकिन सेना स्थिति को नियंत्रित करने में बखूबी कामयाब रही. रियाज नाइकू आठ साल से अधिक समय से फरार चल रहा था. उसे कश्मीरी आतंकवादियों के बुरहान वानी समूह से सबसे सक्रिय सदस्य के रूप में गिना जाता था. इस आतंकी गैंग में बुरहान वानी और उसके सहयोगी सबजार भट, वसीम मल्ला, नसीर पंडित, इश्फाक हमीद, तारिक पंडित, अफाकुल्लाह, आदिल खांडे, सद्दाम पद्दार, वसीम शाह और अनीस शामिल थे. आइये जानते हैं कि कश्मीर में आतंक के पोस्टर बॉय बने ‘बुरहान वानी गैंग’ को कैसे सुरक्षा बलों ने जहन्नुम की सैर कराई.

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बुरहानी वानी
8 जुलाई, 2016 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में आतंक के पोस्टर बॉय बुरहानी वानी को मार गिराया था. सुरक्षा बलों को कोकेरनाग के बुंदूरा गांव में तीन उच्च प्रशिक्षित आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी. जिसके आधार पर पुलिस और सेना ने मोर्चा संभाला. सबसे पहले गांव से बाहर निकलने के सभी रास्तों को सील किया गया और फिर सुरक्षा बल के जवानों ने गांव में दाखिल होकर वानी की आवाज को हमेशा के लिए खामोश कर दिया. 

अबू दुजाना
अबू दुजाना मोस्ट वांटेड लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था. वह जुलाई 2018 में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के हकरीपोरा गांव में एक अन्य आतंकवादी के साथ मुठभेड़ में मारा गया. खुफिया सूचना के आधार पर 182 बटालियन, 183 बटालियन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), 55 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) और J&K पुलिस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा हाकिपोरा में एक संयुक्त तलाशी अभियान छेड़ा गया और एक घर में छिपे दुजाना और उसके साथी आरिफ खत्म हमेशा के लिए शांत कर दिया गया. 

जुनैद अहमद मट्टू
जून, 2017 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबिहारा के अरवानी गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर जुनैद अहमद मट्टू और उसका साथी मुजामिल मारे गए थे. मट्टू दो अन्य आतंकियों के साथ आठ से अधिक घंटों तक फंसा रहा था. सेना, जम्मू और कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने लश्कर के आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी पर अरवानी गांव को घेर लिया और इसके बाद हुई मुठभेड़ में जुनैद अहमद मट्टू मारा गया.

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सबजार अहमद भट  
भट को मई 2017 को मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. उसके कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद जवानों ने पूरे इलाके को घेरकर उसके भाग निकलने के हर संभावना को खत्म कर दिया और कई घंटों चली मुठभेड़ में भट सहित दो अन्य आतंकी मारे गए. 

सद्दाम पद्दर
सद्दाम पद्दर को मई 2018 में दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था. पद्दर के सफाए के लिए जिले के ज़ैनपोरा के बडीगाम गांव में 44, 34, 3 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और  स्थानीय पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन लांच किया था. 

वसीम शाह 
वसीम शाह को अपने अंगरक्षक निसार अहमद मीर के साथ 14 अक्टूबर, 2017 को पुलवामा में सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतारा था. जवानों द्वारा गांव में घेराबंदी के बाद एक घर में छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की, जिसके बाद सेना की जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए. 

आदिल खांडे
22 अक्टूबर, 2015 को दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी आदिल खांडे को उसका सहयोगी मारे गए थे. पुलिस और सेना की आतंकियों से मुठभेड़ शाम करीब 4.30 बजे हुई और काफी देर तक चलती रही. इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, हालांकि वह भाग निकलने में कामयाब नहीं हो पाए. 

तारिक पंडित
तारिक पंडित को 28 मई, 2016 को पुलवामा में पकड़ा गया था. करीमाबाद के पास हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के मूवमेंट का इनपुट मिलने के बाद सेना और पुलिस द्वारा एक संयुक्त मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित किया गया था. तारिक पंडित की हर हरकत पर लगातार नजर रही जा रही थी और आख़िरकार राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन ने उसे धरदबोचा.

नसीर पंडित
7 अप्रैल 2016 को शोपियां में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में नसीर पंडित मारा गया था. खुफिया सूचना के आधार पर सेना ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया था. 

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