लालू के जेल जाने के एक दिन बाद ही गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने ट्विटर पर लालटेन थामे हुए अपनी एक तस्वीर ट्वीट किया है.
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नई दिल्ली: चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैद हैं. लालू के जेल जाने के एक दिन बाद ही गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने ट्विटर पर लालटेन थामे हुए अपनी एक तस्वीर ट्वीट किया है. राजनीतिक गलियारे में इस तस्वीर के कई मायने निकाले जाने लगे, जिसके तुरंत बाद लालू यादव के बेटे और आरजेडी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर हार्दिक पटेल को सलाह दे डाली.
तस्वीर शेयर करते हुए हार्दिक ने ट्वीट किया, 'आज मैं अपने गांव आया हूं. लेकिन आज गांव में बिजली चली गई तो मैंने लालटेन जलाई और अंधेरा दूर किया. बहुत काम आता है लालटेन आज पता चला.'
इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, 'हार्दिक भाई, नफरतों के खिलाफ मोहब्बत की लालटेन जलाते रहना है. अन्याय के अंधेरों के ख़िलाफ न्याय का प्रकाश फैलाना है. डटकर लड़ना और लड़कर जीतना है. नौजवान है संघर्ष के सिवाय करना क्या है?'
हार्दिक पटेल के लालटेन उठाने पर तेजस्वी ने इस वजह से दिया जवाब
लालटेन आरजेडी का चुनाव प्रतीक है. साथ ही लालू यादव ओबीसी समाज में जनाधार वाले नेता माने जाते हैं. चारा घोटाले में लालू के जेल जाने के बाद उनके उत्तराधिकारी की बात उठ रही है. वहीं हार्दिक पटेल अब तक केवल गुजरात में पाटीदार समाज के नेता के रूप में अपनी पहचान बना पाए हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में उनके लाख रोकने के बावजूद बीजेपी फिर से सत्ता में आ गई है. ऐसे में स्वभाविक हार्दिक 2019 के लोकसभा चुनाव के बहाने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान कायम करने की कोशिश में जुटे होंगे. हार्दिक पटेल के इस मंसूबे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब वे पाटीदार समाज के लिए आरक्षण की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे थे तो उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के एंटी बीजेपी नेताओं से भी समर्थन मांगा था.
लालटेन उठाकर हार्दिक पटेल चाहे जो भी राजनीतिक संकेत दे रहे हों, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि लालू यादव खुद कई बार मंच से कह चुके हैं कि उनकी गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव और पूरा परिवार पार्टी का काम देखेंगे.
मालूम हो वर्ष 1991 और 1994 के बीच देवघर कोषागार से धोखाधड़ी से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू सहित 15 अन्य को दोषी करार दिया है. अदालत तीन जनवरी को उन्हें सजा सुनायेगी.