संघ चाहता है गौ हत्या के ख़िलाफ़ कड़ा क़ानून, गौरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं: मोहन भागवत
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संघ चाहता है गौ हत्या के ख़िलाफ़ कड़ा क़ानून, गौरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं: मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को गौ रक्षक समूहों द्वारा की गयी हिंसा की आलोचना की और कहा कि इससे उद्देश्य की ‘बदनामी’ होती है. उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट किया कि संघ पूरे देश में गौ हत्या के खिलाफ कानून चाहता है.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गौ हत्या को एक ‘बुराई’ करार देते हुये इसे हर हाल में दूर किये जाने पर जोर दिया. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को गौ रक्षक समूहों द्वारा की गयी हिंसा की आलोचना की और कहा कि इससे उद्देश्य की ‘बदनामी’ होती है. उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट किया कि संघ पूरे देश में गौ हत्या के खिलाफ कानून चाहता है.

गौ हत्या को बताया बुराई
गौ हत्या को एक ‘बुराई’ करार देते हुये इसे हर हाल में दूर किये जाने पर जोर देते हुये उन्होंने ‘कानून और संविधान का पूर्ण सम्मान करते हुये’ ज्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़कर गौ संरक्षण प्रयास को और आगे ले जाने की वकालत की.

अलवर में कथित तौर पर एक युवक की हत्या 
भगवान महावीर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनका यह बयान ऐसे वक्त आया जब भाजपा शासित राज्य राजस्थान के अलवर में कथित गौ रक्षकों द्वारा पीट-पीटकर एक युवक की हत्या को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार की घेराबंदी की है और भगवा पार्टी को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है.

हिंसक कार्रवाई का विरोध 
भागवत ने कहा, ‘गायों की रक्षा करते हुये ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिये जिससे कुछ लोगों की मान्यता आहत हो. ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिये जो हिंसक हो. इससे सिर्फ गौ रक्षकों के प्रयासों की बदनामी होगी, गायों के संरक्षण का काम कानूनों और संविधान का सम्मान करते हुये किया जाना चाहिये.’

गौरक्षा पर बने कानून
संघ प्रमुख ने कहा कि कई राज्यों में जहां संघ कार्यकर्ता (संघ की पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेता) सत्ता में हैं उन्होंने ऐसा कानून बनाया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि दूसरी सरकारें भी स्थानीय ‘जटिलताओं’ से निपटते हुये ऐसा कानून बनायेंगी. 

कई पूर्वोत्तर राज्यों में गौ हत्या प्रतिबंधित नहीं है, इनमें से वो राज्य भी शामिल हैं जहां भाजपा सत्ता में है, जबकि केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गौ मांस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है जहां भाजपा मजबूत सियासी ताकत के तौर पर उभरने के लिये काम कर रही है.

हिंसा को बढ़ावा देने वाला कोई कानून नहीं
संघ प्रमुख ने सुझाव दिया कि राजनीतिक जटिलताओं की वजह से हर जगह ऐसा कानून लागू करने में समय लगेगा, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई कानून नहीं हो सकता जो कहे आप हिंसा कीजिये. यह असंभव है.’ 

गौ संरक्षण को बढ़ावा देने पर होगा काम
भागवत ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि जहां संघ कार्यकर्ता सत्ता में हैं, वो स्थानीय जटिलताओं से निपट कर इस दिशा में काम करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण को इस तरह बढ़ावा दिया जाना चाहिये कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस उद्देश्य से जुड़ें और ऐसा करने के लिये उनकी प्रशंसा हो.

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