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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ जारी की और कहा कि बढ़ती जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता एवं अन्य समस्याओं की जड़ है. समाज की उन्नति के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है. वहीं, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक सांसद ने उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या कानून (UP Population Control Draft Bill) पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संभल से सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कानून बनाना सरकार के हाथ में है लेकिन जब बच्चा पैदा होगा तो उसे कौन रोक सकता है. सपा सांसद ने संभल में पत्रकारों से कहा, ‘जहां तक योगी जी, मोदी जी, मोहन भागवत जी का ताल्लुक है तो इनके तो बच्चे हैं ही नहीं, इन्होंने शादी ही नहीं की है. बताओ सारे हिंदुस्तान को बच्चे पैदा करने नहीं दोगे तो कल को किसी दूसरे मुल्क से मुकाबला करने की जरूरत पड़ी तो लोग कहां से आएंगे.’ उन्होंने कहा, ' इस्लाम और कुरान शरीफ में यह अल्फाज है इस दुनिया को अल्लाह ने बनाया है और जितनी रूहें अल्लाह ने पैदा की हैं, वो आनी हैं.’
बता दें, रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने आवास पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किए, उनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. इसमें और भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.’ उन्होंने कहा, ‘उप्र की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है, समाज के सभी तबकों को ध्यान में रखकर इस नीति को प्रदेश सरकार लागू कर रही है. वास्तव में जनसंख्या नियंत्रण का जो प्रयास है, वह समाज की व्यापक जागरूकता के साथ जुड़ा हुआ है.’
जनसंख्या नीति के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति का मूल लक्ष्य यही है कि सभी लोगों के लिए जीवन के प्रत्येक चरण में जीवन गुणवत्ता में सुधार हो और साथ ही साथ सतत विकास के लिए व्यापक एवं समावेशी दृष्टिकोण से चीजें आगे बढ़ें. इस नीति के जरिए वर्ष 2026 तक महिलाओं में जागरूकता और 2030 तक सकल प्रजनन दर को 1.9 प्रतिशत तक लाना है. राज्य में अभी सकल प्रजनन दर 2.1 प्रतिशत है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ‘उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण’ विषय पर काम कर रहा है और इसने एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया है. विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इसपर राय मांगी गई है. इस विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है और सरकारी योजनाओं का लाभ न दिए जाने का भी जिक्र है.
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