जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की गोलाबारी; सीमा रेखा, LoC के पास स्कूलों पर लगे ताले
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जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की गोलाबारी; सीमा रेखा, LoC के पास स्कूलों पर लगे ताले

पिछले तीन दिनों में पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में पांच नागरिकों समेत नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 47 अन्य घायल हुए हैं.

नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना का जवान. (फाइल फोटो)

जम्मू: पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा लगातार की जा रही गोलीबारी के कारण नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्कूल शनिवार (20 जनवरी) को बंद रहे. अधिकारियों ने 20 जनवरी को बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास पांच किलोमीटर तक स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद किया गया है. संभागीय स्तर के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्कूलों को पाकिस्तानी सैनिकों की गोलाबारी के कारण बंद कर दिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 100 से ज्यादा स्कूल स्थित हैं. पिछले तीन दिनों से पाकिस्तानी रेंजर और सेना नागरिक इलाकों को निशाना बना रहे हैं जिनमें नौ नागरिकों की मौत हो चुकी है. इसमें बीएसएफ के दो जवान और सेना के दो जवान भी शहीद हो चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीमा पार से लगातार हो रही गोलीबारी के कारण स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है.

  1. साई खुर्द में गोलाबारी में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कई जानवरों की मौत हो गई.
  2. पाकिस्तानी गोलीबारी में 20 जनवरी को सेना के एक जवान समेत 3 की मौत हो गई.
  3. 19 जनवरी को 17 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई थी और BSF का एक जवान शहीद हो गया था.

पाकिस्तानी गोलीबारी की वजह से 'मौत के साये' में जी रहे है सीमाई गांवों के निवासी

सीमावर्ती गांवों में घरों में फैला खून, खिड़कियों के टूटे शीशे और ध्वस्त छतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले तीन दिनों में पाकिस्तानी गोलीबारी और गोलाबारी ने इन इलाकों को कितना नुकसान पहुंचाया है. इन गांवों में गनपाउडर की गंध बनी हुई है और यहां के लोग डर के साये में रहने को मजबूर हैं. पिछले तीन दिनों में पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में पांच नागरिकों समेत नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 47 अन्य घायल हुए हैं.

मौत के साये में जी रहे हैं स्थानीय निवासी
एक स्थानीय निवासी रत्नो देवी ने कहा, 'हम लोग मौत के साये में जी रहे है. हमारे घरों पर मोर्टार बमों की बौछारें हो रही हैं और हमने सोचा था कि हम किसी भी क्षण मर जाएंगे लेकिन पुलिस अरनिया में साई खुर्द गांव से हम लोगों को बाहर निकाल लाई. देवी ने बताया कि साई खुर्द में गोलाबारी में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कई जानवरों की मौत हो गई.' उन्होंने बताया कि एक महिला की मौत हो गई जबकि गांव में उसका पति और बेटा घायल हो गये. अरनिया क्षेत्र के बाहरी इलाके में अपने रिश्तेदार के यहां शरण ली हुई रत्नो देवी ने कहा, ‘सरकार को पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी को रोकना चाहिए.’

इन गांवों में मोर्टार बमों और गोलियों के कारण कई पशुओं की मौत हो गई और कुछ घायल हो गये. सीमावर्ती इलाकों से लोगों को निकालने के लिए पुलिस वाहनों को लगाया गया है. आर एस पुरा के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुरिन्दर चौधरी ने बताया, ‘सीमावर्ती इलाके वास्तव में युद्ध क्षेत्र में बदल गये हैं. पाकिस्तान नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है. इससे मकानों और जानवरों को काफी नुकसान हुआ है.’

(इनपुट एजेंसी से भी)

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