जानें कौन हैं इंदु मल्होत्रा, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की जज बन आज रचा इतिहास
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जानें कौन हैं इंदु मल्होत्रा, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की जज बन आज रचा इतिहास

वरिष्ठ महिला वकील इंदु मल्होत्रा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में शपथ ली. ये अवसर ऐतिहासिक है, क्योंकि आज देश में पहली बार किसी महिला वकील को सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में नियुक्त किया गया.

सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में इंदु मल्होत्रा ने शपथ ली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वरिष्ठ महिला वकील इंदु मल्होत्रा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में शपथ ली. ये अवसर ऐतिहासिक है, क्योंकि आज देश में पहली बार किसी महिला वकील को सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में नियुक्त किया गया. पिछले तीन दशकों से वकालत कर रहीं इंदु मल्होत्रा ध्यस्थता कानून में विशेषज्ञ हैं. वे विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मामलों में मध्यस्थता करती दिखाई भी दी हैं. दिसंबर 2016 में भारत सरकार ने भारत में मध्यस्थता तंत्र के संस्थानीकरण की समीक्षा करने के लिए उन्हें कानून और न्याय मंत्रालय में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) का सदस्य बनाया था. इतना ही नहीं इंदु मल्होत्रा साल 2007 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ वकील नामित की जाने वाली दूसरी महिला थीं.

  1. वरिष्ठ महिला वकील इंदु मल्होत्रा आज बनीं SC की जज
  2. वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बन रच दिया इतिहास
  3. इंदु मल्होत्रा साल 2007 में बनी थीं SC की वरिष्ठ वकील

पिता भी थे सुप्रीम कोर्ट में वकील
इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील के रूप में कार्यरत थीं. उनके पिता ओम प्रकाश मल्होत्रा भी देश की सर्वोच्च न्यायालय में सीनियर एडवोकेट थे. ओम प्रकाश मल्होत्रा एक विशिष्ट लेखक भी थे जिन्होंने औद्योगिक विवादों के कानून और लॉ एंड प्रैक्टिस ऑफ आर्बिट्रेशन पर किताबें लिखीं.

दिल्ली में की पढ़ाई
14 मार्च 1956 को बेंगलुरु में जन्मी इंदु मल्होत्रा ओम प्रकाश मल्होत्रा ​​की सबसे छोटी संतान थीं. उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की. नई दिल्ली के कार्मल कॉन्वेंट से स्कूल की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में बीए ऑनर्स और बाद में वहीं से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की. कॉलेजी की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज और विवेकानंद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर के रूप में काम किया. 1979 से 1982 तक उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की.

1983 में शुरू की वकालत
साल 1982 में कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंदु मल्होत्रा ने साल 1983 से लॉ प्रेक्टिस शुरू की. दिल्ली के बार काउंसिल में अपना पंजीकरण के बाद साल 1988 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 'एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड' के रूप में पहला स्थान पाकर क्वालिफाई किया.

सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाली सातवीं महिला
सुप्रीम कोर्ट में जज का पद हासिल करने वाली इंदु मल्होत्रा सातवीं महिला होंगी. साल 1988 में सबसे पहले जस्टिस एम. फातिमा बीवी सुप्रीम कोर्ट की महिला जज बनी थीं. उनके बाद जस्टिस सुजाता वी. मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और जस्टिस आर. भानुमति भी सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं. हालांकि, इंदु मल्होत्रा के मामले में विशेष बात ये है कि वे वकील से सीधे जज के रूप में नियुक्त की जाने वाली पहली वुमन एडवोकेट हैं.

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