मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा में मिली अप्रत्याशित हार को स्वीकार कर लिया है.
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नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा में मिली अप्रत्याशित हार को स्वीकार कर लिया है. महासचिव सीताराम येचुरी ने बीजेपी पर विधानसभा चुनाव जीतने के लिए धन व बाहुबल का बेजा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने कहा, "हां, ऐसा हुआ क्योंकि बीजेपी ने बईमानी से बड़े पैमाने पर इकट्ठा किए धन व बाहुबल का इस्तेमाल किया और सभी वाम विरोधी तत्वों को एकजुट करने में कामयाब हो गई."
येचुरी ने त्रिपुरा के लोगों को चेताया कि चुनाव में बेहिसाब पैसे बहाने वाले इसकी भरपाई के लिए जमकर सरकारी खजाना लूटेंगे और उसमें से आपको कुछ नहीं देंगे, बल्कि आपकी जेब ढीली करने के तरह-तरह के तरीके ढूंगेंगे, जैसा केंद्र में मोदी सरकार कर रही है. बीजेपी के सत्ता में आने का राज्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, "बीजेपी ने बिना किसी मर्यादा के धनबल का इस्तेमाल कर सभी प्रकार की ताकतें यहां झोंक दी. इसके बुरे परिणाम होंगे, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है."
Tripura voters have given their mandate for a BJP-IPTF government in the state. We thank the people of Tripura for giving us the opportunity to serve them for the past 25 years.
We will continue to oppose BJP and its divisive agenda not only in Tripura but all over India. (1/n)— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) 3 मार्च 2018
अपने सिलसिलेवार ट्वीट में येचुरी ने कहा, "हम न केवल त्रिपुरा में, बल्कि पूरे देश में बीजेपी और इसके विभाजनकारी एजेंडे का विरोध करना लगातार जारी रखेंगे."
उन्होंने इससे पहले कहा, "माकपा त्रिपुरा में लोगों के जनादेश स्वीकारती है, जो यहां बीजेपी-आईपीटीएफ गठबंधन की सरकार बनाने के लिए है. यह बदलाव तब हुआ है, जब वाम मोर्चे ने पांच विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज कर 25 वर्षो तक सही मायने में जनता की सेवा की. उन्होंने कहा, "यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य के 45 प्रतिशत लोगों ने वाम मोर्चा को मत दिया है. हम त्रिपुरा के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि विपक्ष में रहकर माकपा उनके हित के लिए काम करती रहेगी."