सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, सरकार का प्रस्ताव खारिज कर इस्तीफों पर दिया जोर
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सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, सरकार का प्रस्ताव खारिज कर इस्तीफों पर दिया जोर

संसद में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा ललितगेट और व्यापमं मामले में हस्तक्षेप करने के प्रस्ताव को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग ‘गलत कार्यों’ के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पहले इस्तीफा देना चाहिए।

सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, सरकार का प्रस्ताव खारिज कर इस्तीफों पर दिया जोर

नई दिल्‍ली : संसद में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा ललितगेट और व्यापमं मामले में हस्तक्षेप करने के प्रस्ताव को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग ‘गलत कार्यों’ के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पहले इस्तीफा देना चाहिए।

पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि चर्चा और संवाद पहले तथा कार्रवाई बाद में करने का भाजपा का रुख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है। सोनिया ने एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हम सरकार के अडि़यल रवैये के खिलाफ लड़ेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों द्वारा ‘किए गए घोर अपराधों पर उनकी चुप्पी खटक रही है। सोनिया ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ‘मन की बात’ के चैंपियन ने ‘मौन व्रत’ धारण कर लिया है। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पार्टी का रुख इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि जब तक गलत कार्यों के लिए जिम्मेदार लोग पदों पर बने रहेंगे, तब तक कोई सकारात्मक चर्चा या अर्थपूर्ण कार्यवाही नहीं हो सकती। दो सप्ताह के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा बुलाई जाने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा रुख पहले दिन से ही साफ और स्पष्ट है। विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों के इस्तीफों की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री के सामने सार्वजनिक तौर पर अखंडनीय साक्ष्यों का पूरा पहाड़ है।

'पहले इस्तीफा, बाद में चर्चा’ वाले रुख के लिए आवाज उठाते हुए सोनिया गांधी ने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या भाजपा यह भूल गई है कि ‘वह इस सिद्धांत की लेखक है और इसका इस्तेमाल वर्ष 1993 के बाद से वह कम से कम पांच बार कर चुकी है।’ इससे पहले उन्होंने कहा कि चूंकि स्मृतियांे की उम्र कम होती है, ऐसे में पार्टी को ‘अपनी सुविधा के अनुसार चयनशील विस्मरण से पीड़ित’ अपने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को बातें याद दिलानी होंगी। उन्होंने कहा कि आज हमें उन लोगों से संसदीय व्यवहार पर उपदेश सुनने पड़ रहे हैं, जिन्होंने विपक्ष में रहने के दौरान गतिरोध का न सिर्फ बचाव किया बल्कि एक वैध रणनीति के रूप में इसका समर्थन भी किया। उन्होंने कहा कि कल दोनों सदनों में आंदोलन करने वाले आज अचानक ही बहस और चर्चा के समर्थक बन गए हैं। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने घोषणा की कि कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह ‘जोरदार ढंग से’ अपनी बात रखती रहेगी।

वहीं, कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भ्रष्‍टाचार से कोई समझौता नहीं होगा। हमें आरोपी मंत्रियों का इस्‍तीफा चाहिए। सरकार की किसान विरोधी नीतियों से नुकसान हुआ है।

मानसून सत्र समाप्त होने में सिर्फ दो सप्ताह बचे हैं। गतिरोध को खत्म करने की कोशिश करते हुए संसदीय मामलों के मंत्री एम वैंकेया नायडू ने कहा था कि प्रधानमंत्री ललित मोदी और व्यापमं मुद्दों पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करने के लिए तैयार रहेंगे। सोनिया ने आज आरोप लगाया कि यह गतिरोध ‘जनमत के प्रति मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण, भ्रष्टाचार के बड़े कृत्यों पर पूर्ण चुप्पी और कानून के जानबूझकर किए जाने वाले उल्लंघन एवं इसके नेताओं के खराब आचरण के कारण है। भाजपा नीत गठबंधन सरकार जहां विपक्ष को वार्ता की मेज पर लाना चाहता है वहीं ललित मोदी और व्यापम विवादों पर कांग्रेस ने सरकार पर हमला जारी रखा है। गौर हो कि संसद में पिछले 13 से कोई काम नहीं हुआ है।

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