विपक्षी खेमे ने अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है कि वह दौड़ में आगे चल रही हैं.
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की गुरुवार (22 जून) को होने वाली अहम बैठक के पहले ही बुधवार (21 जून) को खेमे में दरार दिखने लगी और जदयू ने राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा करने के बाद कहा कि वह गुरुवार (22 जून) की बातचीत में शामिल नहीं होगी. विपक्षी खेमे ने अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है कि वह दौड़ में आगे चल रही हैं.
सूत्रों ने बताया कि जदयू की घोषणा के बाद बुधवार दिन में कांग्रेस तथा गैरराजग दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गहन विचार विमर्श का दौर चला कि किस प्रकार विपक्ष को एकजुट रखा जाए. विपक्ष की बैठक का समन्वय कर रही कांग्रेस ने उम्मीद जताया कि उन सभी दलों के नेता गुरुवार की मुलाकात में शामिल होंगे जो 26 मई को सोनिया द्वारा दिए गए दोपहर के भोज में शामिल हुए थे.
इस बीच एक वरिष्ठ वाम नेता ने कहा कि कुछ भी हो, हम चुनाव लडेंगे. चुनाव के लिए कांग्रेस के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह एक काल्पनिक सवाल है तथा 17 जुलाई के चुनाव के लिए विपक्ष एक संयुक्त रणनीति के बारे में फैसला करेगा.
तिवारी ने कहा कि कल की बैठक के बाद एक स्पष्ट उत्तर उपलब्ध होगा. सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि विपक्षी दल बैठक में संयुक्त रूप से किसी उम्मीदवार के बारे में फैसला करेंगे. इस बीच कुछ वाम नेताओं ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के आज (बुधवार, 21 जून) लखनऊ में योग दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में मौजूद होने का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए.
राजग उम्मीदवार कोविन्द को जदयू का समर्थन
उधर, जदयू ने बुधवार (21 जून) घोषणा कर दी कि वह राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार कोविन्द का समर्थन करेगा. यह विपक्षी दलों के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है जो अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने यह भी कहा कि जदयू कल होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कोविन्द को समर्थन के बाद उनकी पार्टी के लिए यह बैठक अब अप्रासंगिक हो गई है.
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त्यागी ने हालांकि कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को जदयू का समर्थन एक अलग-थलग घटना है और यह दल भविष्य में भगवा दल के खिलाफ एकजुटता के लिए विपक्ष के प्रयासों का हिस्सा रहेगा. उन्होंने कहा, 'इस अलग-थलग घटना का वृहतर विपक्षी एकता के हमारे प्रयासों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'