पंजाब कांग्रेस में फूट, मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज दो विधायकों ने दिया इस्तीफा
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पंजाब कांग्रेस में फूट, मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज दो विधायकों ने दिया इस्तीफा

शनिवार को पंजाब मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए नौ नए मंत्रियों को पद और गोपनीयत की शपथ दिलाई गई.

अमरिंदर सरकार में अब मुख्यमंत्री सहित कुल 18 मंत्री हो गए हैं

चंडीगढ़ : पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज कांग्रेसी नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है और इसी क्रम में कांग्रेस के दो अन्य विधायकों ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया. संगरूर जिले के अमरगढ़ से विधायक सुरजीत सिंह धीमान और फजिल्का के बलुआना से विधायक नत्थू राम ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति (पीपीसीसी) के प्रमुख सुनील जाखड़ को पार्टी के पदों से अपना इस्तीफा सौंप दिया.

  1. पंजाब सरकार ने किया मंत्रिपरिषद का विस्तार
  2. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस की फूट सामने आई
  3. मंत्री ना बनने से नाराज विधायकों ने दिया इस्तीफा

पंजाब के मंत्रिमंडल में शनिवार को 9 नए मंत्रियों को शामिल किया गया था. उनके शपथ ग्रहण से कुछ देर पहले ही इन विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया. इससे पहले कांग्रेस विधायक संगत सिंह गिलजियां ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था. नत्थू राम ने पीपीसीसी महासचिव पद से इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी द्वारा दलित समुदाय की उपेक्षा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है. वहीं, सुरजीत सिंह धीमान के पीपीसीसी के उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र की घोषणा उनके बेटे जसविंदर धीमान ने की.

नत्थु राम दलित समाज से आते हैं जबकि सुरजीत पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. दो बार के विधायक राम ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद नहीं दिये जाने से दलित अपमानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में दलितों की आबादी 34 फीसदी है और अगर हम इस आंकड़े पर गौर करें तो मंत्रिमंडल में कम-से-कम पांच दलित मंत्री होने चाहिएं. 

मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह ने हालांकि नए मंत्रियों के चयन में किसी तरह के अन्याय से इनकार किया है. सिंह ने कहा कि सभी धड़े और क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है और मुख्य रूप से वरिष्ठता का ख्याल रखा गया है. 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते एवं खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके पुराने और पारंपरिक परिवारों का मंत्रिमंडल में पद के लिए विचार करना चाहिए. कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी से विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा, ‘मैं मंत्री बनने के सभी मानदंडों पर खरा उतरता हूं लेकिन एक कनिष्ठ व्यक्ति को शामिल किया गया. मैंने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते.’ कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी से विधायक चीमा ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि दोआबा क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया है.

डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिहं रंधावा को मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ ही गुरदासपुर जिले से अब तीन मंत्री हो गए हैं. जिले के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा (फतेहगढ़ चूड़ियां) और अरुणा चौधरी (दीनानगर) पहले से ही मंत्रिमंडल में हैं. ओपी सोनी (अमृतसर मध्य) और सुखबिंदर सरकारिया (राजा सांसी) को शामिल करने के साथ ही अमृतसर से अब तीन मंत्री हो गए हैं. अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही मंत्री हैं. चीमा ने कहा कि वह यह समझ नहीं पाए कि क्यों आखिरी क्षण में उनका नाम हटा दिया गया और वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे. इस बीच, कोटली ने पंजाब के पारंपरिक परिवारों के पक्ष में दलीलें दीं.

बता दें कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह के बीच नई दिल्ली में दो दिन लगातार बैठक के बाद नौ नए मंत्रियों के नामों पर मुहर लगाई थी. 

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