चेन्नई : वकील पति-पत्नी ने हाईकोर्ट जज की कार को किया ओवरटेक, लाइसेंस हो गया सस्पेंड
Advertisement

चेन्नई : वकील पति-पत्नी ने हाईकोर्ट जज की कार को किया ओवरटेक, लाइसेंस हो गया सस्पेंड

तमिलनाडु बार काउंसिल की ओर से कहा गया है, 'भारतीय सीमा के भीतर वकील दंपति अगले आदेश तक किसी कोर्ट, ट्रिब्यूनल में प्रैक्टिस नहीं कर सकते.'

बार काउंसिल ने दोनों को अपना जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है. फाइल फोटो : पीटीआई

चेन्नई/नई दिल्ली : तमिलनाडु में हाईकोर्ट के जज की कार को कथित तौर पर ओवरटेक करना और कार के ड्राइवर से बदतमीजी करना मद्रास हाईकोर्ट के एक वकील और उनकी पत्नी को भारी पड़ा है. दोनों हाईकोर्ट में वकील हैं, लेकिन अब तमिलनाडु बार काउंसिल ने उनके इस कृत्य के लिए उनके लाइसेंस को ही रद्द कर दिया है. साथ ही बार काउंसिल की ओर से कहा गया है, 'भारतीय सीमा के भीतर वकील दंपति अगले आदेश तक किसी कोर्ट, ट्रिब्यूनल में प्रैक्टिस नहीं कर सकते.'

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, ये मामला चेन्नई में 30 जुलाई का बताया जा रहा है. इस दिन वकील एस सहुल हमीद और उनकी पत्नी एडवोकेट एडवोकेट थिरूमति एल शिखा सरमदन कार से कहीं जा रहे थे. इसी दौरान गाड़ी चलाते हुए हमीद ने हाईकोर्ट के जज की कार को ओवरटेक किया. उससे पहले उन्होंने कार को ओवरटेक करने से पहले कई बार जोर से हॉर्न भी बजाया. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी गाड़ी जज की कार के आगे रोककर उनके ड्राइवर से बदतमीजी की. ये बात यहीं खत्म नहीं हुई. इस घटना के 3 दिन बाद वकील दंपति जज के घर गए. वहां पर भी उन्होंने उस ड्राइवर को डांटा.

हाईकोर्ट के जजों को नेताओं, अफसरों के पीछे बिठाया तो दूसरे जस्टिस ने ऐसे दिखाया गुस्सा

इसके बाद दोनों खिलाफ शिकायत की गई. इसके बाद बार काउंसिल ने उनके खिलाफ ये कदम उठाया. बार काउंसिल ने वकील दंपति नोटिस भेजा. इसमें कहा, 'मद्रास हाईकोर्ट के माननीय जज के पीएसओ की शिकायत में आप दोनों का आचरण पूरी तरह से पेशेवर दुर्व्यवहार का है.' बार काउंसिल ने कहा, 'जनता में माननीय जजों और न्यायपालिका का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप दोनों को अंतरिम तौर पर प्रैक्टिस करने से रोकते हुए निलंबित कर दिया जाए.'

हमीद ने 2001 में बार काउंसिल में अपना नामांकन कराया था. उनकी पत्नी शिखा सरमदन ने 1999 में एनरोलमेंट कराया था. अब बार काउंसिल ने वकील दंपति से 15 में जवाब मांगा है. इस दौरान अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो पूरे मामले को अनुशासनात्मक समिति को भेज दिया जाएगा.'

Trending news