पंंजाब: अक्षय से SIT ने की दो घंटे तक पूछताछ, राम रहीम से मुलाकात से किया इनकार
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पंंजाब: अक्षय से SIT ने की दो घंटे तक पूछताछ, राम रहीम से मुलाकात से किया इनकार

अक्षय कुमार ने पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के बीच एक बैठक का प्रबंध करने से इनकार किया है. 

अक्षय से चंडीगढ़ के सेक्टर नौ में पंजाब पुलिस के मुख्यालय में दो घंटा पूछताछ की गई. (फोटो साभार - पीटीआई)

चंडीगढ़: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार बुधवार को पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल के सामने पेश हुए. उन्होंने पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के बीच एक बैठक का प्रबंध करने से इनकार किया है. अक्षय से यहां सेक्टर नौ में पंजाब पुलिस के मुख्यालय में दो घंटा पूछताछ की गई.

अक्षय कुमार के अधिवक्ता ने बताया कि अभिनेता ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के साथ किसी भी तरह के मुलाकात का खंडन किया है. राम रहीम बलात्कार के दो मामलों में 20 साल जेल की सजा काट रहा है. 

क्यों बुलाया गया अक्षय कुमार को?
न्यायमूर्ति रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट में अक्षय कुमार के नाम का जिक्र होने के कारण एसआईटी ने अभिनेता से पूछताछ की. आयोग की रिपोर्ट अगस्त में पंजाब विधानसभा में पेश की गई थी. 

इसमें आरोप लगाया गया है कि अभिनेता ने पंजाब में एमएसजी-2 का प्रदर्शन सुनिश्चित करने को लेकर डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बीच मुलाकात कराई थी.

क्या कहना है अक्षय के वकील का?
अभिनेता के वकील संतपाल सिंह सिद्धू ने कहा,‘उन्होंने एसआईटी से कहा उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से मुलाकात नहीं की है. ऐसे में किसी भी बैठक को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठता है.’ उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक हरबन जलाल के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के समक्ष बैठक को लेकर दिए गए बयान को ‘मनगढंत’ बताया.

सिद्धू ने बताया कि अक्षय कुमार को एसआईटी के समक्ष दोबारा उपस्थित होने के लिए नहीं कहा गया है. एसआईटी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से पहले ही पूछताछ कर चुकी है.

पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को लेकर फरीदकोट की बेहबल कलां और कोटकपुरा में विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है.  वर्ष 2015 में हुई इस घटना में दो लोग मारे गये थे. धार्मिक ग्रंथ के पृष्ठ फटे और बिखरे पाये जाने की घटना में कथित तौर पर स्वयंभू बाबा के समर्थक भी शामिल थे.

(इनपुट - भाषा)

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