जम्मू कश्मीरः पिछले 1 सप्ताह में कश्मीर से आतंक से जुड़ी दो महिलाएं गिरफ्तार
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जम्मू कश्मीरः पिछले 1 सप्ताह में कश्मीर से आतंक से जुड़ी दो महिलाएं गिरफ्तार

सोशल मीडिया के जरिए किसी महिला का आतंकियों की मदद करने का यह इस तरह का पहला मामला है. 

जम्मू कश्मीरः पिछले 1 सप्ताह में कश्मीर से आतंक से जुड़ी दो महिलाएं गिरफ्तार

श्रीनगरः कश्मीर में महिला आतंकी के फिर से सक्रिय होने का पता चला है. एक सप्ताह में श्रीनगर में आतंक से जुडी दो महिलों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. ताज़ा मामला है शाज़िया का जो फेसबुक के जरिए युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने के आरोप में हिरासत में ली गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने काफी वक्त से महिला के फेसबुक अकाउंट पर नजर रखी थी. हाथों में एके 47 लिए मुस्कराते हुई तस्वीर खिंचवाने वाली 30 साल की शाज़िया तीन बच्चों की इस मां है और इसे जम्मू कश्मीर पुलिस ने फेसबुक के जरिए युवाओं को जिहाद के नाम पर हथियार उठाने के लिए उकसाने के मामले में हिरासत में लिया है.

सोशल मीडिया के जरिए किसी महिला का आतंकियों की मदद करने का यह इस तरह का पहला मामला है. शाजिया की शादी बांदीपोरा के नईदखा में हुई है. जहां इसका ससुराल है,  असली यह बारामूला के पट्टन की रहने वाली थी और परिवार के मुताबिक यह एक स्थानीय अस्पताल में काम करती थी. शाज़िया के ससुर इलाके में एक दुकान चलते हैं. उनके मुताबिक शाज़िया ने दो साल पहले अलग घर बसा लिया था. शाज़िया के पति जावीद अहमद इसी इलाके में एक मोबाइल की दुकान चलते हैं.  

शाज़िया के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 30 साल की इस महिला की तीन बेटियां है. इससे पहले एके 47 राइफल के साथ उसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसके बाद इसके फसेबुक अकाउंट पर पुलिस साइबर विंग की नज़र जमी रही. सूत्रों के मुताबिक यह महिला पिछले एक वर्ष से सक्रिय थी. ऐसा बताया जा रहा है कि शाजिया आतंकी संघठन लश्कर और जैश दोनों के लिए काम करती है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाजिया ने पूछताछ में बताया कि उसने अभी तक दो युवाओं को हथियार और अन्य सामान दिया है. इनमें से एक गिरफ्तार हो चुका है. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया " इस महिला ने सुरक्षाबलों के अफसरों से वादा किया था कि वह आतंकियों के बारे में जानकारी देगी, लेकिन वो कर उल्टा कर रही थी. सुरक्षाबलों की जानकारी इकट्ठा कर वह आतंकियों को देती थी". बताया जा रहा है कि उसने हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ली है. पुलिस को यह सूचना भी मिली थी यह महिला आतंकी एक अन्य ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के साथ ट्रेन से दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जाने वाली है. इस सूचना पर पुलिस ने नौगाम पुलिस स्टेशन पर नाका लगा दिया. स्टेशन पर पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने इस मामले में खुल कर कुछ नहीं बोला मगर यह ज़रूर कहा कि पूछताछ चल रही है. 

इस गिरफ्तारी से एक इशारा यह भी मिलता है कि कश्मीर में आतंकी ने महिलों का सहयोग लेना फिर शुरू किया है. इसी हफ्ते में पुलिस ने श्रीनगर से 28 साल महिला आसिया जान को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 10 ग्रेनेड और बारी तादाद में गोलियां बरामद की थी. जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो एक महिला कूरियर थी. ऐसा 90 के दशक में हुआ करता था.  

अधिकारियों का कहना है कि आतंकी मूवमेंट पर हुई सख्ती और जगह जगह पर बनें नए नाकों के चलते आतंकवादियों की मुश्किल बढ़ गई है. ऐसे में लम्बे अंतराल के बाद किसी महिला को ग्रेनेड और गोलियों लेकर गिरफ्तारी करना इशारा देता है कि आतंकी ने फिर अपनी पुरानी निति को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

बीती मंगलवार को, श्रीनगर-बारामुल्ला राजमार्ग पर लॉयपोरा में एक युवा महिला को गिरफ्तार कर लिया गया था, जब पुलिस ने इस जगह एक सूचना पर नका लगाया था और एक तावेरा गाड़ी को रोक कर  उसकी तलाशी ली जिसमें यह महिला सवार थी जब इसकी तलाशी हुई तो इसे ग्रेनेड और गोलियां बरामद हुई.

मौके पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक " उसने भागने की कोशिश की लेकिन महिला पुलिस पहले ही जगह पर मौजूद थी, उन्होंने उसे रोक लिया और तलाशी के दौरान 10 ग्रेनेड और 365 गोलियां एक बैग से बरामद किए गए."

अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार महिला श्रीनगर के बाहरी इलाके के खोनमोह क्षेत्र के गणाई मोहल्ला की रहने वाली है. और उसे कुपवाड़ा में यह हथियारों का बैग मिला था जिसे वो दक्षिणी कश्मीर लेजा रही थी. और यह गोला बारूद दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के लिए था.

पुलिस एडीजी मुनीर खान के मुताबिक "वह आतंकवादियों के साथ मिली थी. जांच से पता चला है कि वह आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए एक कूरियर के रूप में काम कर रही थी. और यह पहली बार नहीं है कि हमने गोला बारूद लेकर महिला को गिरफ्तार कर लिया है, "

बताया जा रहा है कि महिला के पिता एक आतंकवादी थे जो 1992 में मारे गए थे. पूछताछ के लिए पुलिस ने महिला के भाईओं को भी बुलाया. पुलिस चाहती है कि इस मामले की तह तक जाए ताकि यह भी पता चले कि कितनी महिलाएं हैं जो आतंकियों के साथ मिली है. इसे पहले सोपोरे में 2011 में आखिरी बार आतंकवाद के लिए काम करने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया था. कथित रूप से लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह से जुड़े थी. जुलाई 2009 में, एक कथित महिला ओजीडब्ल्यू को डोडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सितंबर 2006 में हंदवाड़ा में एक महिला आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था. 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक  " कश्मीर में महिला आतंकवादी या ओजीडब्ल्यू नए नहीं, लेकिन अब यह ट्रेंड खत्म हुआ था मगर इन घटनाओं के सामने आने से सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चिंता ने जन्म लिया है". 

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