कर्नाटक सरकार इस 'जाति विशेष' के उत्थान पर देगी जोर, विकास बोर्ड बनाने का प्रस्ताव
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कर्नाटक सरकार इस 'जाति विशेष' के उत्थान पर देगी जोर, विकास बोर्ड बनाने का प्रस्ताव

कुमारस्वामी ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय लंबे समय से मांग करता आया है कि समुदाय में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के विकास के लिए सहायता दी जाए.

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया

बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार ने आज गुरुवार को वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए कई योजनाओं की घोषणा की. सरकार ने ब्राह्मण विकास बोर्ड बनाने का प्रस्ताव रखा ताकि समुदाय के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का विकास किया जा सके. सरकार की योजना 8वीं सदी के अद्वैत दार्शनिक आदि शंकराचार्य की जयंती मनाने की भी है. इस बाबत घोषणा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को 2018-19 का बजट पेश करते हुए की. 

कुमारस्वामी ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय लंबे समय से मांग करता आया है कि समुदाय में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के विकास के लिए सहायता दी जाए. कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पास ही वित्त विभाग का प्रभार है. 

विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का पहला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव रखा जाता है ताकि ब्राह्मण समुदाय के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का विकास किया जा सके और इस उद्देश्य के लिए 25 करोड़ रुपये दिए. 

बजट में कन्नड़ नाटककार राजकुमार की याद में यहां श्री कोंटेरवा स्टूडियो परिसर में आधुनिक योग केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव रखा. बजट में, निजी साझेदारी के साथ रामनागर में फिल्म विश्वविद्यालय खोलने के लिए 30 करोड़ रुपये की पूंजी देने का भी प्रस्ताव रखा.  

बेंगलुरु के विकास के लिए 1,164 करोड़ 
कर्नाटक सरकार ने बजट में बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए 1,164 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इनमें बेंगलुरु में इंटरकनेक्टेड एलीवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, झील पुनरुद्धार, शहर के औद्योगिक इलाके में रासायनिक कचरा उपचार इकाई और बिजली चालित वाहनों के लिए चार्जिग यूनिट लगाने संबंधी परियोजनाएं शामिल हैं. 

कुमारस्वामी ने बजट पेश करते हुए कहा कि अगले चार साल में 6 इंटरकनेक्टेड एलीवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2018-19 में 1,000 करोड़ रुपये तय किए गए हैं.

किसानों का 34,000 करोड़ का कर्ज माफ
सरकार ने लाखों किसानों को राहत पहुंचाते हुए 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ कर दिया. जबकि, पेट्रोल, डीजल, शराब और बिजली पर अधिक कर लगाने का प्रस्ताव रखा. कुमारस्वामी ने कहा, "मैं कृषि से जुड़े 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ करने का प्रस्ताव रखता हूं. किसान के हर परिवार के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे." पहले चरण में 31 दिसंबर 2017 तक फसलों के लिए गए जिन कर्जों को चुकाया नहीं जा सका, उन्हें माफ किया जाएगा. इस पहले चरण में केवल जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी समितियों से किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण को माफ किया जाएगा.

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