अहमदाबाद की एक दरगाह में गाई गई रामधुन, बंदर बना कारण
Advertisement

अहमदाबाद की एक दरगाह में गाई गई रामधुन, बंदर बना कारण

गुजरात के अहमदाबाद जिले के शाहपुर इलाके में कौमी एकता का अनोखा किस्सा सामने आया है

अंतिम संस्कार करने के पहले दरगाह के अंदर ही बंदर की मृत देह को रखा गया और हिन्दू समाज के लोगों ने रामधुन भी गाई

जावेद सैय्यद/निर्मल त्रिवेदी, अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद जिले के शाहपुर इलाके में कौमी एकता का अनोखा किस्सा सामने आया है. शाहपुर लिम की खड़की इलाके में लाघन सैय्यद दरगाह स्थित है जहां एक बंदर आसपास रहता था. दरगाह से सटकर एक पेड़ था जहां से वह बंदर दरगाह के अंदर गिरा और उसकी मौत हो गई. इसके बाद यहां स्थानीय हिन्दुओं और मुस्लिमों ने साथ मिलकर उस बंदर का अंतिम संस्कार वहीं दरगाह में ही हिन्दू भाइयों ने रामधुन गाकर की और बंदर को श्रद्धांजलि भी दी.

आपको बता दें कि शाहपुर इलाका काफी सेंसेटिव माना जाता है. लेकिन, इस घटना ने गुजरात में कौमी एकता का एक उत्तम उदाहरण पेश किया है. शहर के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले शाहपुर में लाघन सैय्यद की दरगाह में यह घटना घटित हुई है. सुबह के समय एक बंदर एक पेड़ से दरगाह के अंदर जाकर गिरा जहां उसकी मौत हो गई. घटना के बाद सुबह करीब 7 बजे जब दरगाह के मौलवी आसपास साफ-सफाई करने के लिए बाहर आए तब उनकी नजर उस मरे हुए बंदर पर पड़ी. जिसके तुरंत बाद मौलवी ने आसपास के लोगों को इस घटना की जानकारी दी. जिसमें हिन्दू लोग भी शामिल थे.

fallback

इस घटना के बारे में दरगाह का कारोबार संभाल रहे भरत भावसार को भी मौलवी ने जानकारी दी. जिसके बाद स्थानीय लोगों के साथ वो भी दरगाह पहुंचे और बंदर का अंतिम संस्कार विधिपूर्वक करने को कहा. जिसके बाद दोनों ही कौम के स्थानीय लोग इस बात के लिए राजी हो गए और विधि के अनुसार बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार करने के पहले दरगाह के अंदर ही बंदर की मृत देह को रखा गया और हिन्दू समाज के लोगों ने रामधुन भी गाई. जिसके बाद रामधुन के साथ ही दरगाह से निकलकर एक मंदिर के पास खुले प्लाट में बंदर को विधि विधान सहित दफनाया गया.

आपको बता दें कि शाहपुर इलाके में समय-समय पर तनाव होता रहता है. लेकिन, जब किसी त्योहार की बात होती है तो सभी समाज के लोग एक साथ हो जाते हैं चाहे वह हिन्दू का हो या मुस्लिम का. इसके साथ ही कौमी एकता का एक और उदाहरण देता अब ये किस्सा सामने आया है.

fallback

एक तरफ जब पूरे देश में भगवान राम के नाम पर हंगामा चल रहा है और राजनैतिक पार्टियां राम के नाम पर अपनी रोटियां सेंकने में लगी हैं. राम के नाम पर अपना भविष्य कायम करने में लगी हैं. वहीं दूसरी तरफ राम भक्त हनुमान का रूप माना जाने वाला एक बंदर है जिसके अंतिम संस्कार के लिए दोनों समुदाय के लोग एक हो गए और भाईचारे की मिसाल पेश की.

Trending news