शिवसेना उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा इस उपचुनाव में भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र गावित से 29,572 मतों से हार गए थे.
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मुम्बई: शिवसेना भले ही हाल में पालघर लोकसभा उपचुनाव हार गई हो, लेकिन उसे इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्रों में 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तुलना में अधिक वोट मिले हैं. शिवसेना को यह उपचुनाव हारने के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 60,000 अधिक मत मिले हैं. भाजपा के मतों में जनजाति बहुल निर्वाचन क्षेत्र में गिरावट आयी है. शिवसेना उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा इस उपचुनाव में भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र गावित से 29,572 मतों से हार गए थे. इस जनजाति आरक्षित संसदीय सीट पर 28 मई को उपचुनाव हुआ था और 31 मई को इसका परिणाम आया था.
भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन से पालघट लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की जरुरत पैदा हुई थी. 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पालघर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में पड़े कुल मतों का यदि इस संसदीय उपचुनाव से तुलना किया जाए तो इस क्षेत्र में शिवसेना के मत बढ़ गए हैं. शिवसेना को 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां के छह विधानसभा क्षेत्रों में 1,82,343 मत मिले थे, अब लोकसभा उपचुनाव में उसे 2,43,210 मत मिले हैं. अर्थात इस उप चुनाव में शिवसेना को मिलने वाले मतों में 60,867 का इजाफा हुआ था.
चुनाव आयोग से गठबंधन के कारण पालघर सीट पर मिली भाजपा को जीत: शिवसेना
महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर हुए उप - चुनाव में भाजपा को मिली जीत के एक दिन बाद इसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने (1 जून) को आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग के साथ भाजपा के गठबंधन, पुलिस तंत्र के इस्तेमाल और ‘कचरे जैसी’ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी के कारण उसे जीत मिली.
शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राज्य के भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हराया और उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में वोटरों ने भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करारी मात दी.
अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने कहा, ‘‘भाजपा को देश की नौ विधानसभा सीटों में से आठ पर धूल चाटनी पड़ी.’’ पार्टी ने कहा, ‘‘भाजपा ने देश भर में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव हारे हैं. लेकिन पालघर (लोकसभा क्षेत्र) में जीत चुनाव आयोग के साथ (भाजपा के) गठबंधन का नतीजा है.’’ शिवसेना ने कहा कि पालघर सीट जीत के लिहाज से मुश्किल सीट थी और भाजपा ने जीत के लिए ‘साम दाम दंड भेद’ की नीति अपनाई.