सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी इससे प्रभावित हुईं, वहीं कुछ इलाकों में निजी कारें और ऑटो रिक्शा सड़कों पर नजर आए.
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श्रीनगरः घाटी में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को रेखांकित करने के लिए कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा बुलाए बंद के कारण सोमवार को जन-जीवन प्रभावित हुआ. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर बुलाए बंद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यवसायिक संस्थान बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी इससे प्रभावित हुईं, वहीं कुछ इलाकों में निजी कारें और ऑटो रिक्शा सड़कों पर नजर आए.
श्रीनगर से कर्फ्यू हटा लेकिन अलगाववादियों की हड़ताल से जनजीवन प्रभावित
घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी ऐसी ही खबरें मिलीं. अधिकारियों ने बताया कि कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है लेकिन कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. ‘ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप’ (जेआरएल) के बैनर तहत अलगाववादियों ने बंद का आह्वन करते हुए लोगों से इसे ‘‘काले दिवस’’ के तौर पर मनाने की अपील की.
कश्मीर में अलगाववादियों ने किया हड़ताल का आह्वान, जनजीवन हुआ प्रभावित
सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक वाले जेआरएल ने लोगों से घाटी में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन को रेखांकित करने के लिए लोगों से आज बंद रखने की अपील की थी. साझा बयान में उसने (जेआरएल ने) अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंसियों से मानवाधिकारों के कथित उल्लंघनों का संज्ञान लेने और भारत पर ‘‘यह उल्लंघन बंद करने के लिए दबाव बनाने की अपील की थी.’’ (इनपुटः भाषा)