पाकिस्तान हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है, मदद करके अमेरिका ने बेवकूफी की: डोनाल्ड ट्रंप
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पाकिस्तान हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है, मदद करके अमेरिका ने बेवकूफी की: डोनाल्ड ट्रंप

पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 माह में नई अमेरिकी नीति की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय एक संबद्ध समूह, अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को हराने का जिक्र किया गया था

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (RealDonaldTrump/Twitter 29 Dec, 2017)

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए सोमवार (1 जनवरी) को आरोप लगाया कि उसने गत 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता के बदले अमेरिका को 'झूठ और धोखे' के सिवा कुछ भी नहीं दिया है. ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को 'सुरक्षित पनाहगाह' मुहैया करायी. पाकिस्तान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े हमले में ट्रंप यह संकेत देते हुए प्रतीत हुए कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता रोक सकते हैं. ट्रंप ने कड़े शब्दों वाले ट्वीट में कहा, "अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से पाकिस्तान को गत 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख सोचते हुए हमें ‘झूठ और धोखे’ के अलावा कुछ भी नहीं दिया.'' उन्होंने इस वर्ष के अपने पहले ट्वीट में कहा, 'उन्होंने उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी जिनके खिलाफ हम बहुत कम मदद के अफगानिस्तान में कार्रवाई करते हैं. अब और नहीं.'

  1. पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 माह में नई अमेरिकी नीति की घोषणा की थी.
  2. ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान सरकार को दी जानी वाली 22.50 करोड़ डॉलर की सरकारी सहायता रोक सकता है.
  3. अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकी नेटवर्कों को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोताही बरतने का आरोप लगाया.

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यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किया गया सबसे कड़ा हमला है. उनकी टिप्पणी न्यूयॉर्क टाइम्स में शुक्रवार (29 दिसंबर, 2017) को प्रकाशित उस खबर के कुछ दिन बाद आयी है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की अनिच्छा के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उसे दी जाने वाली 22.5 करोड़ डॉलर सहायता रोकने पर विचार कर रहा है. हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने पाकिस्तान के साथ अपनी हताशा व्यक्त की थी और सरकार पर आतंकी नेटवर्कों को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोताही बरतने का आरोप लगाया था. 

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पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 माह में नई अमेरिकी नीति की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय एक संबद्ध समूह, अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को हराने का जिक्र किया गया था. ट्रंप ने उस वक्त कहा था कि 'पाकिस्तान ने आतंक, हिंसा और अव्यवस्था के एजेंटों को अपने यहां शरण दे रखी है' और कसम खाई कि प्रशासन इस देश के खिलाफ और अधिक कठोरता दिखाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस महीने (दिसंबर, 2017) अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा करते हुए पाकिस्तान की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि हम पाकिस्तान को हर साल भारी भरकम रकम का अनुदान देते हैं. उसे हमारी मदद करनी होगी. 

पाकिस्तान को 22.50 करोड़ डॉलर की मदद रोकेगा अमेरिका
ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान सरकार को दी जानी वाली 22.50 करोड़ डॉलर की सरकारी सहायता रोक सकता है. प्रशासन ने यह फैसला पाकिस्तान द्वारा देश की अपनी सीमाओं में आतंकी समूहों पर नियंत्रण करने को लेकर चल रही दिक्कतों के मद्देनजर उठाया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने सहायता को रद्द करने के लिए इस माह बैठक की थी. अधिकारियों ने यह जानकारी द न्यूयॉर्क टाइम्स को दी. यह खबर शुक्रवार (29 दिसंबर, 2017) को प्रकाशित हुई थी. पाकिस्तान को सहायता पैकेज अगस्त में ही भेजा जाना था. 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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