गृह राज्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई बिलकुल सही थी और उन्होंने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी होने के बाद पहले भी यही बात कही थी.
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हैदराबाद: केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने शुक्रवार को कहा कि कोरेगांव-भीमा हिंसा में उच्चतम न्यायालय के फैसले से यह साबित होता है कि पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई एवं जांच सही दिशा में जा रही थी. गृह राज्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई बिलकुल सही थी और उन्होंने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी होने के बाद पहले भी यही बात कही थी.
उन्होंने कहा, 'यह (गिरफ्तारी) किसी से बदला लेने या कोरेगांव-भीमा में जो हुआ था उसको दिमाग में रखकर नहीं की गई थी.' अहीर ने कहा, 'जांच छह महीने तक चली. इसके बाद कुछ साक्ष्य सामने आए कि यह लोग शहर में रहकर लोगों को भड़का रहे थे..इसके सबूत भी थे और इसलिए कार्रवाई की गई.'
मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार के फैसले से यह साबित हुआ और यह साफ हो गया कि पुलिस की जांच सही रास्ते पर थी. उन्होंने कहा, 'अदालत ने महाराष्ट्र पुलिस के पक्ष को स्वीकार किया.'
नक्सलवाद को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में नक्सलवाद “खत्म होने की कगार” पर था लेकिन नक्सली, आदिवासी आबादी में पैठ जमा कर शहर में कुछ लोगों की मदद से शहरी इलाकों में माओवादी विचारधारा को प्रचारित करने का प्रयास कर रहे थे. उनकी यह कोशिश नाकाम हो गई.
(इनपुट - भाषा)