स्वामी ने सीजेआई पर आरोप लगाने वाले चारों जजों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की भावनाओं का सम्मान करने की बात कही है.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की कार्यशैली पर सवाल उठाने को लेकर हुई 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. स्वामी ने सीजेआई पर आरोप लगाने वाले चारों जजों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की भावनाओं का सम्मान करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इन चारों जजों का लीगल करियर साफ सुथरा रहा है और इन्होंने कभी भी पैसे को महत्व नहीं दिया. यह सभी चाहते तो वरिष्ठ वकील के रूप में प्रैक्टिस जारी रखते हुए पैसे बना सकते थे, लेकिन इन्होंने जज का पद स्वीकार किया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा द्वारा मामलों के आवंटन समेत कई मामले उठाए हैं.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है, 'इन लोगों की मंशा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. ये सब वे लोग हैं जो बेहद ईमानदार हैं और अपने लीगल करियर को छोड़कर बड़ा त्याग किया है, ये चाहते तो वरिष्ठ वकील के रूप में बहुत पैसा बना सकते थे. हमें उनका सम्मान करना चाहिए. प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह चारों जज और मुख्य न्यायधीश, यहां तक कि पूरे सुप्रीम कोर्ट में एक राय बने और आगे बढ़ें '
We can't criticize them, they are men of great integrity & have sacrificed a lot of their legal career, where they could've made money as senior counsels. We must respect them. PM must ensure that the 4 judges & CJI, in fact whole SC come to one opinion & proceed further: S.Swamy pic.twitter.com/dYj6MJPhkO
— ANI (@ANI) January 12, 2018
चारों जजों के खिलाफ महाभियोग चलाया जाए-जस्टिस(रि.)आरएस सोढ़ी
सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों द्वारा मुख्य न्यायधीश की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने को लेकर रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जस्टिस (रि.) आर एस सोढ़ी ने मीडिया से कहा है कि इन चारों जजों के खिलाफ महाभियोग चलाए जाए. रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढ़ी का कहना है कि इन चारों जजों को अब किसी भी तरह से उनका पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. इन्हें पद से हटाया जाना चाहिए इनके द्वारा फैसला सुनाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में यह ट्रेड यूनियनवाद गलत है. लोकतंत्र खतरे में यह उनके द्वारा कहना ठीक नहीं है, हमारे पास संसद है, कोर्ट है, पुलिस व्यवस्था है.
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उन्होंने कहा, 'यह मायने नहीं रखता, उनकी शिकायत प्रशासनिक मुद्दा है, वह केवल चार जज हैैं उनके अलावा 23 और जज भी हैं, चार जजों का एक साथ आकर मुख्य न्यायधीश पर गंभीर आरोप लगाना अपरिपक्व और बचकानी हरकत लगती है '
देश का लोकतंत्र खतरे में है- जस्टिस चेलमेश्वर
चारों जजों में से जस्टिस चेलमेश्वर ने मीडिया से कहा, 'हमने किसी काम को सही तरीके से करने के लिए कहा था. कुछ महीने पहले हम चारों जजों ने चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखी थी. हमारी कोशिशें नाकामयाब रहीं. जब कोई विकल्प नहीं बचा तो हम आपके सामने आए हैं. देश का लोकतंत्र खतरे में है'. उन्होंने आगे कहा कि 'हम चाहते हैं कि हमारे द्वारा उठाए गए मामले में कार्रवाई हो. हम देश का कर्ज अदा कर रहे हैं'.